Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे, ऊपरी राज्यों में बारिश की सूचना

Webdunia
शनिवार, 22 जुलाई 2023 (15:02 IST)
Yamuna River: दिल्ली में यमुना नदी (Yamuna river) का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से नीचे आ गया, जो पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान 205.33 मीटर के आसपास बना हुआ था। हालांकि उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुछ हिस्सों में ताजा भारी बारिश (heavy rain) की सूचना मिली है और इससे नदी के जलस्तर में फिर से वृद्धि हो सकती है।
 
जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में पुनर्वास प्रयासों में और देरी हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह 9 बजे जलस्तर गिरकर 205.29 मीटर पर आ गया, जो शुक्रवार शाम 6 बजे 205.34 मीटर पर था। अन्य राज्यों में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश का प्रभाव स्पष्ट होने से पूर्व इसमें और गिरावट आ सकती है।
 
सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से जल बहाव सुबह 9 बजे 1.47 लाख क्यूसेक था, जो 13 जुलाई से सर्वाधिक है। बांधों, नदियों और लोगों पर दक्षिण एशिया नेटवर्क के सह समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है और हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक के निशान को पार नहीं करना चाहिए। सीडब्ल्यूसी हाइड्रोग्राफ में बाटा नदी को छोड़कर पहाड़ी इलाकों में नदियों के जलस्तर में अधिक वृद्धि नहीं दिखी है।
 
ऊपरी जलग्रहण राज्यों, मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के बीच पिछले 4 से 5 दिनों में जलस्तर में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ है। दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश होने की स्थिति में, जलस्तर में वृद्धि से राजधानी के बाढ़ग्रस्त निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की गति धीमी हो सकती है और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है।
 
इसका असर शहर में पानी की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है जिसमें स्थिति मंगलवार को ही सामान्य हो पाई। वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण 4 से 5 दिनों तक स्थिति प्रभावित हुई थी। यह पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्रों को कच्चे पानी की आपूर्ति करता है, जो शहर की आपूर्ति का लगभग 25 प्रतिशत है।
 
दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले 1 सप्ताह से अधिक समय से जलभराव और बाढ़ से जूझ रहे हैं। शुरुआत में 8 और 9 जुलाई को अत्यधिक बारिश से भारी जलभराव हुआ और इन 2 दिनों में शहर में मासिक कोटे की 125 प्रतिशत बारिश हुई। इस बीच यमुना नदी के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा समेत ऊपरी जलग्रहण इलाकों में भारी बारिश से जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जल के बहाव ने तटबंधों को तोड़ दिया और 4 दशकों की तुलना में शहर के काफी अंदर तक घुस गया।
 
बाढ़ के परिणाम विनाशकारी रहे हैं, शहर में 27,000 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकाला गया। संपत्ति, व्यवसाय और कमाई के मामले में नुकसान करोड़ों तक पहुंच गया है। दिल्ली में अभूतपूर्व बाढ़ के लिए विशेषज्ञ यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र पर अतिक्रमण, थोड़े समय के भीतर अत्यधिक वर्षा और गाद जमा होने को कारण बताते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

UP की सभी 9 सीटों पर SP लड़ेगी उपचुनाव, अखिलेश यादव का ऐलान

महाराष्ट्र : MVA के दलों में 85-85 सीट पर बनी बात, पढ़िए कहां फंसा है पेंच

Meerut : एनसीआर में पेट्रोल पंपों पर मिल रहा मिलावटी तेल, पेट्रोलियम पदार्थ के काले कारोबार का भंड़ाफोड़, 6 आरोपी पुलिस हिरासत में

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

cyclone dana : पश्चिम बंगाल-ओडिशा की तरफ तेजी से बढ़ रहा चक्रवात 'दाना', 5 राज्यों में NDRF की 56 टीम तैनात, 150 ट्रेनें रद्द

આગળનો લેખ
Show comments