Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई को निर्देश, अपील दायर करने में देरी न हो यह सुनिश्चित करें

Webdunia
शनिवार, 31 जुलाई 2021 (18:29 IST)
मुख्य बिंदु
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि याचिकाएं दायर करने में कोई विलंब न हो और इसके समुचित पर्यवेक्षण के लिए सूचना-प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी तंत्र अपनाया जाना चाहिए।

ALSO READ: सीरो सर्वेक्षण में तमिलनाडु की 66 फीसदी आबादी में Covid 19 प्रतिरोधी क्षमता पाई गई
 
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जून 2019 के एक आदेश के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा याचिका दायर करने में 647 दिन की देरी पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा इस बारे में दिया गया स्पष्टीकरण साफ तौर पर अपर्याप्त है। भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपियों की रिहाई के खिलाफ याचिका दायर करने में देरी के लिए सीबीआई द्वारा बताए गए आधार को न्यायालय ने खारिज कर दिया।

ALSO READ: भारी बारिश से दिल्ली में आईआईटी फ्लाईओवर के नीचे का एक हिस्सा धंसा, यातायात प्रभावित
 
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की एक पीठ ने पिछले हफ्ते अपने आदेश में कहा कि सीबीआई को यह निर्देश दिया जाता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए कि इस तरह का विलंब भविष्य में न हो। निर्धारित अवधि की सीमा में अपील दायर करने में संबंधित अधिकारी की तरफ से की गई देरी विलंब के कारणों के बारे में गंभीर संदेह पैदा करने के लिए जिम्मेदार है।
 
न्यायालय ने कहा कि यह कहना कि कोविड महामारी के शुरू हो जाने के कारण याचिका दायर करने में विलंब हुआ, विलंब की कुल अवधि को लेकर न्यायोचित नहीं है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपना फैसला जून 2019 में सुना दिया था जबकि महामारी मार्च 2020 में शुरू हुई। पीठ ने कहा कि अदालत को यह निर्धारित करने में स्पष्टीकरण की प्रकृति का उचित ध्यान रखना चाहिए कि क्या विशेष अनुमति याचिका दायर करने में हुई देरी को स्वीकार करने का मामला बनता है।

ALSO READ: पाकिस्तान में फिर बढ़े Corona के मामले, कराची में लगाया लॉकडाउन
 
विलंब के आधार पर याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि हम इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई द्वारा आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए जाएं कि याचिकाओं को दायर करने और कानून में जरूरी अन्य कदमों की उचित निगरानी और ऐसा करने में आईसीटी (सूचना व संचार प्रौद्योगिकी) मंचों को वरीयता दी जाए जिससे इस तरह का विलंब न हो। पीठ उच्च न्यायालय के एक फैसले को सीबीआई द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को बरी कर दिया था।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

CG राज्य पॉवर कंपनी के कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, CM ने की 12 हजार के बोनस की घोषणा

दिवाली और छठ पूजा के लिए 7000 विशेष ट्रेनें चलाएगा रेलवे

माधवी पुरी बुच की अनुपस्थिति पर बैठक स्थगित, बीजेपी ने साधा वेणुगोपाल पर निशाना

शरद पवार खेमे की याचिका पर अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

फिर मिली 70 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी

આગળનો લેખ
Show comments