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चिनाब वैली फिर पैर पसार रहा है आतंकवाद

सुरेश एस डुग्गर
सोमवार, 25 सितम्बर 2017 (21:22 IST)
जम्मू। जम्मू संभाग के चिनाब वैली क्षेत्र में आतंकवादियों के कदम फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं। हालांकि पुलिस का दावा है कि मात्र एक आतंकी हमले की घटना से यह कहना उचित नहीं है पर मिलने वाली सूचनाएं कहती हैं कि आतंकी कई युवकों को अपने संगठनों में भर्ती मुहिम में कामयाब हुए हैं और बनिहाल के एसएसबी कैम्प पर हुआ आतंकी हमला इस कड़ी का पहला हमला बताया जा रहा है।
 
पुलिस कहती है कि आतंकी माडयूल को खत्म कर दिया गया है। उसका दावा आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकियों की गिरफ्तारी पर आधारित था। जम्मू कश्मीर के बनिहाल में एसएसबी दल पर पिछले हफ्ते हुए जानलेवा आतंकी हमले में शामिल तीसरे आतंकी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
 
पुलिस ने कहा कि इस गिरफ्तारी के साथ ही रामबन जिले में एसएसबी दल पर हुए हमले के तीन सदस्यीय आतंकी मॉड्यूल का सफाया हो गया है। 22 सितंबर को घातक आतंकी हमले में शामिल मॉड्यूल के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था।
 
रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहन लाल ने बताया कि हमने हमले में शामिल तीसरे आतंकी को कल गिरफ्तार कर लिया और एक पिस्तौल जब्त की है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए आतंकी की पहचान आकीब वाहिद के तौर पर हुई है। वह अनंतनाग के डिग्री कॉलेज में बीएससी का छात्र है।
 
शुरुआती पूछताछ में आतंकी ने पुलिस को बताया कि दक्षिण कश्मीर के ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) ने उसे पिस्तौल दी थी और अन्य के साथ मिलकर एक मॉड्यूल बनाने का काम सौंपा था। पुलिस इस ओजीडब्ल्यू का पता लगाने में जुट गई है जिसका संपर्क दक्षिण कश्मीर में आतंकी समूहों से है। 22 सितंबर को पुलिस ने हमले के बाबत गज़नाफ़ार और आरिफ को गिरफ्तार किया था।
 
एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें हमले के 24 घंटे के अंदर बनिहाल में व्यापक खोज अभियान के दौरान गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि उनके कब्जे से एक एके 47 राइफल और एक इनसास राइफल बरामद की गई थी। हमले के दौरान आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों की सर्विस राइफल छीन ली थीं।
 
20 सितंबर को तीनों ने बनिहाल में एक निर्माणाधीन रेलवे सुरंग के पास एसएसबी दल पर हमला किया था। हमले में एसएसबी के एक जवान की मौत हो गई थी जबकि अन्य जख्मी हो गया था। अधिकारियों ने कहा कि गज़नफार, आरिफ और आकीब की भर्ती चिनाब वैली क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
 
पुलिस का दावा चाहे कुछ भी हो पर खुफिया एजेंसियां चिनाब वैली का परिदृश्य कुछ और ही बयान करती हैं। हालांकि पुलिस इसे चिनाब वैली में होने वाला पहला आतंकी हमला बता रही है पर वह इसी साल 8 मई को गंदोह के पास हुए हमले को भूला देती है जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और बाद में हमले के लिए दोषी लश्करे तौयबा के पांच आतंकियों को दबोचा गया था।
 
असल में चिनाब वैली में आतंकी हमलों के इनपुट को लेकर पुलिस पिछले कुछ अरसे से लापरवाह इसलिए मानी जाती रही है क्योंकि उसकी सोच के मुताबिक, आतंकियों के हमले के केंद्र टनल पार के इलाके हैं। पर अब दो हमलों तथा कई युवकों के चिनाब वैली से लापता होने की खबरों के बाद सरकारी अमला कुछ हरकत की स्थिति में आया है।

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