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मध्यप्रदेश : संघ क्‍यों चाहता है मुख्‍यमंत्री शिवराज इस सीट से चुनाव लड़ें...

विशेष प्रतिनिधि
सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (08:56 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा की चुनावी नैया पार लगाने के लिए अब संघ ने मोर्चा संभाल लिया है। संघ जहां एक ओर बूथ लेवल पर जाकर अपने कार्यकर्ताओं को तैनात कर रहा है, वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि अब संघ ने पार्टी के टिकट बंटवारे में सीधा दखल दे दिया है।


संघ ने चुनाव से ठीक पहले जो सर्वे कराया है, उसके मुताबिक कई जगह पार्टी के मौजूदा विधायकों और कई मंत्रियों की स्थिति सहीं नही है। ऐसे में संघ के सीधे दखल के बाद अब भाजपा में टिकट को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। इस वक्त भाजपा में सबसे बड़ा सवाल टिकट को लेकर ही है। पार्टी का हर कार्यकर्ता इस बार टिकट को लेकर अपना दावा ठोंक रहा है। हालत ये हो गए हैं कि पार्टी में नेता बड़ा हो या छोटा हर कोई टिकट हासिल करना चाहता है। ऐसे में कुछ सीटें ऐसी हैं जिनको लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है।

भोपाल में भाजपा का गढ़ माने जाने वाली गोविंदपुरा सीट को लेकर इस बार पार्टी के नेताओं में जमकर खींचतान मची हुई है। गोविंदपुरा सीट से दस बार से विधायक और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ग्यारहवीं बार भी चुनावी अखाड़े में दांव लगाने का खम ठोंक रहे है। 88 साल के बाबूलाल गौर ने टिकट के लिए पिछले दिनों हुई रायशुमारी में पहुंचकर अपना दावा और भी पक्का कर दिया है, जबकि बाबूलाल गौर को 75 पार के फार्मूले के आधार पर शिवराज मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।

जहां एक और बाबूलाल गौर टिकट के लिए दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर इस बात की चर्चा अब सियासी गलियारों में जोरशोर से चलने लगी है कि टिकट बंटवारे में अहम भूमिका निभाने जा रहे संघ ने अब इस सीट पर सीधा दखल दे दिया है। संघ भाजपा का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लड़ाना चाह रहा है। सूत्र बताते हैं कि संघ चाहता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार भी बुदनी के साथ-साथ गोविंदपुरा सीट से चुनावी मैदान में उतरें।

2013 के विधानसभा चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान बुदनी और विदिशा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। बाद में मुख्यमंत्री ने विदिशा सीट को छोड़कर बुदनी सीट अपने पास रखी थी। वहीं राजनीति के जानकार कहते हैं कि संघ की इस सोच के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला कारण संघ की मंशा ये है कि मुख्यमंत्री ऐसी सीट से चुनाव लड़ें, जो पूरी तरह सुरक्षित हो। इसके पीछे बड़ी वजह कांग्रेस की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी पारंपरिक सीट बुदनी में घेरने के लिए किसी बड़े नेता को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा होना है।

बुदनी में पिछले लंबे समय से सक्रिय अर्जुन आर्य को कांग्रेस ने पिछले दिनों पार्टी में शामिल करके भाजपा और संघ पर और दबाव बढ़ा दिया है। अर्जुन आर्य ने पार्टी हाईकमान से टिकट की मांग करते हुए एक तरह से अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस के बढ़ते दबाव के बाद संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बुदनी के साथ-साथ गोविंदपुरा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूसरी पसंदीदा सीट विदिशा में भी कांग्रेस शिवराज को घेरने के लिए किसी बड़े नेता को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।

पिछले विधानसभा चुनाव में विदिशा से शिवराज को कांग्रेस उम्मीदवार शशांक भार्गव ने कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि चुनावी परिणाम में शिवराज सिंह चौहान ने शशांक भार्गव को 16 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया था। इस बार कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए दिखाई दे रही है, ऐसे में संघ की मंशा ये है कि मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में चुनावी कैंपेन के लिए फ्री रखकर ऐसी किसी भी सीट से चुनाव लड़ाया जाए, जिससे मुख्यमंत्री पर किसी भी तरह का दबाव न हो। इसके लिए संघ और भाजपा की पहली पसंद गोविंदपुरा सीट है।

वहीं दूसरी तरफ राजनीति के जानकार ये भी बताते हैं कि गोविंदपुरा सीट को लेकर मची खींचतान से छुटकारा पाने के लिए संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे किया है। इतना तो तय माना जा रहा है कि अगर भाजपा ने गोविंदपुरा सीट से गौर परिवार के आलावा किसी भी बाहरी को उम्मीदवार बनाया तो ठीक चुनाव के समय ये सीट भाजपा को काफी मुश्किल में डाल सकती है। अब देखना ये होगा कि जब पार्टी टिकटों का ऐलान करती है तो गोविंदपुरा सीट से किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।

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