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मरीज को डॉक्टर के ढाई मिनट भी नहीं नसीब

मरीज को डॉक्टर के ढाई मिनट भी नहीं नसीब
, शनिवार, 11 नवंबर 2017 (11:46 IST)
डॉक्टर के पास अगर वक्त ही ना हो, तो मरीजों का इलाज कैसे हो? एक स्टडी के मुताबिक भारत में डॉक्टर अपने मरीजों को औसतन 2 मिनट ही दे पाते हैं।
 
दुनिया में हालात
ऑनलाइन जनरल बीएमजे ओपन ने 67 देशों पर की गयी अपनी इस स्टडी में पाया कि दुनिया भर में डॉक्टर शुरुआती जांच में मरीज को औसतन 5 मिनट का समय देते हैं। लेकिन यह देशों की आर्थिक स्थिति के आधार पर अलग अलग नजर आता है।
 
भारत और पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में मेडिकल सेवाएं पड़ोसी देश बांग्लादेश से बेहतर हैं। भारत में एक डॉक्टर, हर मरीज को औसतन 2।3 मिनट का समय देता है। वहीं पाकिस्तान में यह आंकड़ा 1.3 मिनट का है।
 
सबसे कम
स्टडी के मुताबिक बांग्लादेश में डॉक्टर, एक मरीज की शुरुआती जांच में एक मिनट से भी कम का समय लगाते हैं। यहां लगभग 48 सेंकड मरीज को मिलते हैं जो दुनिया में सबसे कम है।
 
और सबसे ज्यादा
वहीं स्वीडन में डॉक्टर बड़े ही इत्मिनान से अपने मरीज को 22.5 मिनट का समय देते हैं जो दुनिया में सबसे अधिक है।
 
आधी से अधिक आबादी
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों में दुनिया की आधी से अधिक आबादी रहती है वहां जांच का समय 5 मिनट से भी कम का है। दुनिया भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहस होती रही है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को कम समय दिया जाना चिंता का विषय है।
 
अमेरिका और ब्रिटेन
विकसित देशों में जांच का समय लंबा है। अमेरिका में डॉक्टर एक मरीज पर औसतन 20 मिनट तक का समय देते हैं, वहीं ब्रिटेन में यह समय 10 मिनट तक चला जाता है। रिसर्च में कहा गया है कि आने वाले सालों में यह समय बढ़कर 15 मिनट तक हो सकता है।
 
इसके कारण
स्टडी के मुताबिक जांच का समय कमजोर और मध्य आयवर्ग वाले देशों में कम नजर आता है। इसका एक कारण जनसंख्या वृद्धि को भी माना जा सकता है। संस्था ने अपनी रिसर्च में साल 1994-2015 के दौरान आये रिसर्च पेपर की स्टडी की।
 
डब्ल्यूएचओ का कहना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया में स्वास्थय सेवाओं और डॉक्टर द्वारा मरीजों को दिया जाने वाला समय सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। यह समय मरीजों की सेहत पर खासा प्रभाव डालता है।

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