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जूनियर गेंदबाजों ने दिया सीनियरों को सिरदर्द, इंग्लैंड सीरीज के लिए होंगे दावेदार

जूनियर गेंदबाजों ने दिया सीनियरों को सिरदर्द, इंग्लैंड सीरीज के लिए होंगे दावेदार
, सोमवार, 18 जनवरी 2021 (16:52 IST)
टीम इंडिया के स्थायी गेंदबाज अगर फिट भी हो जाते हैं तो उनका इंग्लैंड सीरीज में खेलने की संभावना कम दिखाई दे रही है। जसप्रीत बुमराह को छोड़ दिया जाए तो चयनकर्ताओं को अगर शमी, उमेश या ईशांत को खिलाना होगा तो वह किस आधार पर नए गेंदबाजों को बाहर बिठाएंगे। 
 
ब्रिस्बेन टेस्ट में टीम इंडिया के तेज और स्पिन गेंदबाजों के पास में कुल 10 मैचों का भी अनुभव नहीं था। इसके बावजूद भी ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 369 और दूसरी पारी में 294 पर ऑल आउट किया। 
 
वरिष्ठ गेंदबाज जो यह आशाा कर रहे थे कि वह जल्द फिट होकर टीम इंडिया में वापसी करेंगे, उनके सिर में इन जूनियर गेंदबाजों ने दर्द दे दिया है। क्योंकि रिकवरी टाइम में तो तस्वीर ही बदल दी। 
 
ईशांत शर्मा 
 
इस सीनियर तेज गेंदबाज को सितंबर में आईपीएल के पहले ही मैच में बाजू में चोट लगी थी। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये टीम में जगह नहीं बना सके। हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी घरेलू टूर्नामेंट के लिये उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में इशांत ने वापसी की। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में चयन तय माना जा रहा था।
 
लेकिन टी नटराजन के आने से टीम की गेंदबाजी क्रम में विविधता आई है और उन्होंने ब्रिस्बेन टेस्ट में तीन विकेट झटके हैं। उनको बाहर का रास्ता दिखाने का जोखिम शायद ही चयनकर्ता लें। 
 
मोहम्मद शमी
 
एडीलेड टेस्ट में पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद को खेलने के प्रयास में शमी के बाजू में फ्रेक्चर आ गया। बाकी तीनों टेस्ट से बाहर होने के बाद और इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में खेलना तय नहीं है।
 
दो टेस्ट के बाद शमी फिट भी हो जाते हैं तो क्या उनकी जगह पर मोहम्मद सिराज को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। मोहम्मद सिराज अब तक भारत के लिए बहुत असरकारक साबित हुए हैं। कुल तीन टेस्ट मैचों में सिराज अब तक 13 विकेट चटका चुके हैं और ब्रिस्बेन में उन्होंने अपने करियर में 5 विकेट हॉल लिया। ऐसा लगता नहीं कि सिराज की जगह शमी को जगह मिलने वाली है।
 
उमेश यादव
 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में फील्डिंग के दौरान उमेश चोटिल हो गए थे। बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में वह रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ वह अपनी वापसी की उम्मीद लगाए बैठे थे कि शार्दूल ठाकुर बीच में आ गए।
 
चौथे टेस्ट में शार्दूल ठाकुर ने गेंद के अलावा बल्ले से भी कमाल दिखाया। ब्रिस्बेन में न केवल शार्दुल ने 7 विकेट चटकाए बल्कि सर्वाधिक 67 रन बनाए और ऐसे समय पर जब टीम इंडिया 186 पर 6 विकेट गंवा चुकी थी। उमेश की वापसी के दरवाजे  ठाकुर बंद करे की कगार पर हैं। (वेबदुनिया डेस्क)

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