नई दिल्ली। सुनील गावस्कर ने जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद से खेल से महेंद्र सिंह धोनी के ब्रेक पर शनिवार को सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई स्वयं को इतने लंबे समय तक भारत की ओर से खेलने से दूर रख सकता है?
9 जुलाई को विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हार के बाद से धोनी के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है। 38 साल के धोनी ने इस हार के बाद से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन उनके आईपीएल में वापसी करने की उम्मीद है।
यह पूछने पर कि क्या धोनी भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह बना सकते हैं, गावस्कर ने कहा, ‘फिटनेस ऐसी चीज है जिसके बारे में मैं आपको कुछ नहीं बता सकता। यह सवाल स्वयं धोनी से पूछा जाना चाहिए। उसने 10 जुलाई से खुद को भारत की ओर से खेलने के लिए उपलब्ध नहीं रखा है।’
महान बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने यहां 26वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के बाद कहा, ‘यह महत्वपूर्ण सवाल है। क्या कोई भारत के लिए खेलने से खुद को इतने समय तक दूर रख सकता है? यह सवाल है और इसी के अंदर जवाब है।’
गावस्कर ने साथ ही कहा कि देश के शीर्ष प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में जब तक खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी भरकम इजाफा नहीं किया जाता तब तक यह लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग की बराबरी नहीं कर सकती।
रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए एक खिलाड़ी को प्रति मैच लगभग 2.50 रुपए मिलते हैं लेकिन कुछ समय पहले तक खिलाड़ियों को काफी कम मैच फीस मिलती थी। इस इजाफे के बावजूद इस प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट से खिलाड़ियों को होने वाली कमाई मामूली है।
गावस्कर ने कहा, ‘रणजी ट्रॉफी पर आईपीएल का दबदबा रहता है। जब तक कि मैच फीस में बड़ा इजाफा नहीं किया जाता तब इसे अनाथ और भारतीय क्रिकेट का रिश्ते का गरीब भाई ही माना जाएगा।’
टेस्ट क्रिकेट को 5 दिन से घटाकर 4 दिन का करने के आईसीसी के प्रस्ताव पर गावस्कर ने कहा, ‘मैं क्या सोचता हूं यह मायने नहीं रखता। मौजूदा खिलाड़ी क्या सोचते हैं यह मायने रखता है। बीसीसीआई के फैसला करने से पहले उनसे सलाह मशविरा होना होना चाहिए।’