Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मार्च तक नहीं होगा प्याज का निर्यात, सरकार के फैसले क्या सस्ता होगा?

Onion
, शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023 (12:49 IST)
Onion news in hindi : मोदी सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर अगले साल मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया है।
 
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है।'
 
घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने 5 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया था। पुराने बफर स्टॉक का लगभग पूरा प्याज खुले बाजार में बेचा जा चुका है। अब सरकार ने अगले सीजन में भी करीब 5 लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है।
 
बाजार में प्याज के दाम अभी भी 40-50 रुपए प्रति किलो है। निर्यात पर प्रतिबंध के इसके दाम तेजी से गिरने की संभावना है। इससे पहले सरकार ने चावल और चीनी के निर्यात पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं।

हालांकि, डीजीएफटी ने कहा कि अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार से मंजूरी लेकर प्याज के निर्यात की अनुमति होगी। इसके अलावा इस अधिसूचना से पहले ही लदान हो चुकी प्याज की खेप को भी निर्यात की अनुमति है।
 
इसके अलावा अगर प्याज की खेप इस अधिसूचना के जारी पहने के पहले सीमा शुल्क को सौंप दी गई है और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में उसे दर्ज किया जा चुका है तो उस प्याज के निर्यात की भी अनुमति है। ऐसी खेपों को अगले साल पांच जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था ‍कि  त्योहारी मांग और अनियमित वर्षा के कारण खरीफ के मौसम में कम उत्पादन के कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई। प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में सामान्य शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमत में मासिक आधार पर वृद्धि हुई है।
 
रिपोर्ट के अनुसार, प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 93 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि के कारण शाकाहारी थाली की कीमत सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़ गई। दालों की कीमतें सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़ी। इनका शाकाहारी थाली की कीमत में 9 प्रतिशत योगदान है।

Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

खतरे में महुआ मोइत्रा की सांसदी, भाजपा नेता ने क्यों कहा वस्त्रहरण द्रौपदी का हुआ था शूर्पणखा का नहीं?