आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला कर लिया है। साथ ही इंदौर-भोपाल के लिए मेट्रो रेल के एमओयू ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा बार के लाइसेंस 7 दिन में रिन्यू करने और कोर्ट फीस बढ़ाने का फैसला किया गया है। ये सभी फैसले बुधवार को मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में लिए।
खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया है। इसके अनुसार, सामान्य वर्ग के जिन लोगों को आरक्षण दिया जाना है, उनकी सालाना आय 8 लाख रुपए, 5 एकड़ जमीन और 1200 स्क्वायर फीट तक का मकान तय किया गया है। यदि किसी की जमीन 5 एकड़ से ज्यादा है, लेकिन वह बंजर है या पथरीली है तो उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिए होने वाले एमओयू के ड्राफ्ट को भी मंजूरी मिल गई है। इसके अनुसार, साल 2023 तक पहली लाइन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा बार के लाइसेंस 7 दिन में रिन्यू करने का फैसला भी किया गया। बार लाइसेंस व्यवस्था में सुधार करते हुए तय किया गया है कि 25 कमरे से कम होने पर लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। पूल, टेरेस या बगीचे में शराब पिलाने के लिए अब 10 फीसदी अतिरिक्त कर देना होगा।
भोपाल मेट्रो परियोजना की लागत 6 हजार 900 करोड़ और इंदौर की 7 हजार 500 करोड़ रुपए होगी। लागत का 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य, 20 प्रतिशत केंद्र और 60 प्रतिशत हिस्सा कर्ज के माध्यम से लगाया जाएगा। भोपाल मेट्रो के लिए 3 हजार 493 करोड़ रुपए का कर्ज यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक से लिया जाएगा। इस दौरान वर्ष 2019-20 के लिए बजट भी कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया। मानसून सत्र में 10 जुलाई को वर्ष 2019-20 का बजट प्रस्तुत होगा।