प्रमुख बिंदु
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अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र
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आंध्र और तमिलनाडु में भारी बारिश की संभावना
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दिल्ली के प्रदूषण में सुधार की संभावना
नई दिल्ली। पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक फैला हुआ है। यह आज सोमवार शाम तक एक डिप्रेशन में सशक्त हो सकता है और उत्तर-पश्चिमी दिशा में भारतीय तट से दूर अपनी गति जारी रखेगा। चेन्नई में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है।
मानसून के दौरान चक्रवाती परिस्थितियों के कारण चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 24 घंटों में तेज बारिश हुई, जिससे रविवार को यहां के अधिकतर इलाकों में पानी भर गया और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए शहर के तीन जलाशयों के स्लुइस गेट खोल दिए गए।
पिछले 24 घंटे से भारी से अत्यधिक भारी बारिश शहर में करीब छह साल बाद हो रही है जबकि तमिलनाडु के अन्य क्षेत्रों में हल्की या मध्यम बारिश हुई है।
स्काईमेट के अनुसार एक ट्रफ रेखा उपरोक्त चक्रवात परिसंचरण से उत्तर-पूर्वी अरब सागर तक दक्षिण गुजरात तट तक फैली हुई है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंध्रप्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। उसी क्षेत्र पर इसके प्रभाव के कारण एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा।
पिछले 24 घंटों के दौरान आंध्रप्रदेश के दक्षिणी तट और उत्तरी तटीय तमिलनाडु में मध्यम से भारी बारिश हुई। तमिलनाडु के शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों के साथ चेन्नई में भारी बारिश हुई। केरल के कुछ हिस्सों, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। लक्षद्वीप में हल्की बारिश हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान तटीय आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु तट पर कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश संभव है। तमिलनाडु के शेष हिस्सों, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। तटीय कर्नाटक, केरल, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। उत्तर-पूर्व दिशा से चलने वाली मध्यम से तेज हवाएं दिल्ली के प्रदूषण में कुछ हद तक सुधार कर सकती हैं।