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एंबुलेंस में सवार नहीं हो सका Corona का संदिग्ध मरीज, सड़क पर तड़प-तड़पकर तोड़ा दम, वीडियो वायरल

एंबुलेंस में सवार नहीं हो सका Corona का संदिग्ध मरीज, सड़क पर तड़प-तड़पकर तोड़ा दम, वीडियो वायरल
, मंगलवार, 28 जुलाई 2020 (01:38 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बोनगांव में कोविड-19 के एक संदिग्ध मरीज ने सड़क पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया क्योंकि उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए आई एम्बुलेंस में वह खुद से सवार नहीं हो सके। इस पूरे घटनाक्रम का करीब छह मिनट का वीडियो वायरल हुआ है। कहा जा रहा है कि वीडियो शनिवार का है और यह रविवार को वायरल हो गया।

एंबुलेंस के साथ पीपीई किट पहने कर्मचारी भी आए थे, लेकिन उन्होंने सांस लेने में गंभीर परेशानी से जूझ रहे 68 वर्षीय माधव नारायण दत्ता को वाहन में सवार होने में मदद नहीं की। इतना ही नहीं, साथ में मौजूद दत्ता की पत्नी आसपास से गुजरने वालों से भी गुहार लगाती रहीं, लेकिन सभी लोग तमाशबीन बनकर उस बुजुर्ग को तड़प-तड़प कर मरता हुआ देखते रहे।

इस पूरे घटनाक्रम का करीब छह मिनट का वीडियो वायरल हुआ है। कहा जा रहा है कि वीडियो शनिवार का है और यह रविवार को वायरल हो गया। इस वीडियो में दत्ता को बार-बार एम्बुलेंस में चढ़ने का प्रयास करते, दत्ता की पत्नी को उनकी मदद करने की कोशिश करते और अंत में थक-हार कर बैठने के बाद रोते-बिलखते हुए पति की मदद के लिए लोगों से गुहार लगाते देखा और सुना जा सकता है।

यह एम्बुलेंस दत्ता को कोलकाता के अत्याधुनिक अस्पताल में ले जाने वाली थी। इस वीडियो में दत्ता को 30 मिनट तक एंबुलेंस में चढ़ने का असफल प्रयास करने के लिए सड़क पर तड़पकर मरते हुए देखा जा सकता है। इतना ही नहीं उनका शव भी वहीं सड़क पर एम्बुलेंस के पास पड़ा रहा।

वीडियो में पीपीई किट पहने एक व्यक्ति को कुछ मीटर की दूरी पर खड़ा देखा जा सकता है, लेकिन वह दत्ता की मदद को आगे नहीं आया। बोनगांव सब-डिवीजनल अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, दत्ता को शनिवार शाम करीब सात बजे अस्पताल लाया गया, उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के वार्ड में भर्ती कर लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि दत्ता की हालत बिगड़ने के बाद रात करीब 10 बजे डॉक्टरों ने उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में रैफर कर दिया, जो वहां से करीब 71 किलोमीटर दूर है। एक एंबुलेंस का इंतजाम किया गया, लेकिन दत्ता शायद कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, इस डर से किसी ने उनकी मदद नहीं की। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। दत्ता की पत्नी ने अपने पति की मौत के लिए सब-डिवीजनल अस्पताल की लापरवाही और निष्ठुरता को जिम्मेदार बताया है।

कोविड-19 प्रतिक्रिया नीति पर वैश्विक सलाहकार बोर्ड के सदस्य अभिजित चौधरी ने कहा, यह अमानवीय घटना है। ऐसी घटना की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। ऐसा लगता है कि कोविड-19 के डर ने हम सभी को अमानवीय बना दिया है।तमाम राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा की है।

पति के इलाज के लिए बिलखती रही महिला की मौत : प्रदेश के सहारनपुर जिले में अपने पति के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई साजिदा को इलाज तो दूर की बात मरने के बाद पति का शव उठाने वाला भी कोई नहीं मिला।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि साजिदा नाम की महिला अपने पति सुखराम को इलाज के लिए सोमवार सुबह जिला अस्पताल लेकर आई। वह काफी देर तक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर अपने पति के इलाज के लिए डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से मदद मांगती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।

उन्होंने बताया कि बहुत देर तक सुखराम वैसे ही इमरजेंसी वार्ड में फर्श पर पड़ा रहा और अंत में उसकी मौत हो गई। साजिदा और सुखराम के दुखों का यहीं अंत नहीं हुआ। मौत के बाद सुखराम का शव वहीं फर्श पर पड़ा देर तक बारिश में भीगता रहा लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया।
बहुत देर बाद साजिदा का रोना सुनकर कुछ लोगों ने उसके पति के शव को वहां से लाकर पास बने रैन बसेरा में रख दिया। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर सुनीत वार्षणेय ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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