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अमेरिकी NSA जेक सुलिवन बोले, भारत और अमेरिकी साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंची

व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में बोले सुलिवन

अमेरिकी NSA जेक सुलिवन बोले, भारत और अमेरिकी साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंची

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 10 अप्रैल 2024 (10:37 IST)
India and America partnership at new heights : अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने वॉशिंगटन में कहा है कि प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग से भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। सुलिवन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय 'व्हाइट हाउस' (White House) में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही।
 
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स में शामिल देश भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के कारण नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। ब्रिक्स दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात इसके सदस्य हैं।

 
ब्रिक्स में नए देशों को लेकर यह बोले सुलिवन : सुलिवन से पूछा गया कि ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने और सऊदी अरब के इसका हिस्सा बनने पर विचार करने के मद्देनजर क्या दुनिया में अमेरिकी नेतृत्व की स्थिति कमजोर हो रही है? इसके जवाब में सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर आप दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में अमेरिका की भूमिका और उसके संबंधों को देखें, तो हम अपनी स्थिति को देखकर अच्छा महसूस करते हैं।

 
अमेरिका, जापान और फिलीपीन्स की ऐतिहासिक त्रिपक्षीय बैठक : सुलिवन ने कहा कि यदि आप देखें कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में क्या हुआ है? हमने नाटो को पहले से कहीं अधिक बड़ा बना दिया है। यदि आप देखें कि इस सप्ताह क्या हो रहा है? तो अमेरिका, जापान और फिलीपीन्स की एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय बैठक हो रही हैं। यदि आप हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर नजर डालें तो पाएंगे कि कैसे हमने न केवल पारंपरिक सहयोगियों के साथ बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया, आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के सदस्य देशों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत किया है।
 
चीन के सामने अपनी चिंता व्यक्त की : सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार को मदद देने के संबंध में चीन के सामने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हमने कोई सबूत नहीं देखा है कि वे रूस को सीधे सैन्य सहायता प्रदान करेंगे, लेकिन हमने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार को मदद देने को लेकर चिंता व्यक्त की है जिसके बारे में (अमेरिका के रक्षा) मंत्री (एंटनी) ब्लिंकन ने पिछले सप्ताह यूरोप में काफी प्रभावी ढंग से बात की थी।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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