नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य अगर किसानों के कर्ज माफ करते हैं तो उन्हें खुद इसका खर्च उठाना पड़ेगा।
जेटली का बयान केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के उस बयान के ठीक उलट है जिसमें उन्होंने लोकसभा में कहा था कि उत्तर प्रदेश में बनने वाली भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ कर देगी। कृषि मंत्री ने कहा था कि इससे प्रदेश के खजाने में भी जो भी बोझ बढ़ेगा उसको केंद्र सरकार ही वहन करेगी। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था।
वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसी विशेष राज्य को मदद करने और किसी दूसरे को न करने की नीति नहीं अपनाई जाएगी। यदि किसी राज्य सरकार के पास अपने संसाधन हैं और वह किसानों के लोन माफ करना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन, ऐसी स्थिति नहीं होगी कि केंद्र सरकार किसी एक राज्य को तो मदद करें और किसी दूसरे राज्य को नहीं।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार से देश भर के किसानों के कर्ज माफ किए जाने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि 2006 में संप्रग सरकार ने देशभर के किसानों के लोन माफ किए थे।