Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

'रोना आ जाता है': मंगलसूत्र तक बेच रहे हैं कोरोना के मारे भारतीय

DW
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (07:42 IST)
भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाया लॉकडाउन कई कारोबार को गंभीर आर्थिक संकट में डाल गया। घाटे से उबरने के लिए लोग अपनी सबसे कीमती चीज सोना बेच रहे हैं।
 
मुंबई के आभूषण बाजार में कविता जोगानी अपनी शादी के कंगन ज्वैलरी दुकान के तराजू पर रखती हैं। वे उन हजारों भारतीयों में से एक हैं जो अपनी सबसे कीमती संपत्ति, सोना अपने से अलग कर रही हैं। सोना बेचने का फैसला आसान नहीं था। पिछले डेढ़ साल में कई बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के साथ अपने कपड़ा कारोबार के गंभीर रूप से प्रभावित होने के बाद जोगानी हताश हो गईं थीं।
 
लॉकडाउन के कारण उनके लिए दुकान का किराया और 15 कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना मुश्किल हो गया।
 
रिपोर्ट्स बताते हैं कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोविड-19 द्वारा उत्पन्न आर्थिक संकट से उबर रही है, लेकिन कई भारतीयों के लिए वित्तीय पीड़ा का अभी कोई अंत नहीं हुआ है।
 
जोगानी कहती हैं, "मेरे पास सोना बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।" वे आभूषण विक्रेता द्वारा बेचैनी के साथ कीमत की पेशकश का इंतजार कर रही हैं। 
 
45 साल की जोगानी बताती हैं, "मैंने ये कंगन 23 साल पहले अपनी शादी के वक्त खरीदे थे।"
 
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक पिछले एक साल में व्यापार बंद होने और नौकरी छूटने से 23 करोड़ से अधिक भारतीय गरीबी में धकेल दिए गए। आर्थिक संकट के कारण कई लोगों को किराया, स्कूल की फीस और अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
 
आय नहीं और ऊपर से बढ़ती महंगाई
हाल के हफ्तों में बिजली, ईंधन और अन्य चीजों की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। नकदी के लिए बेताब कई परिवार और छोटे व्यवसाय सोने के आभूषण को अंतिम उपाय के तौर पर देख रहे हैं या फिर सोना गिरवी रखकर कर्ज ले रहे हैं।
 
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकों ने 2021 के पहले आठ महीनों में 4।71 ट्रिलियन रुपये के "सोने के आभूषणों के बदले ऋण" का वितरण किया, जो साल दर साल 74 प्रतिशत की छलांग है।
 
इनमें से कई ऋण कर्ज देने वालों को चला गया। जो लोग सोने के बदले कर्ज लेकर चुकाने में असमर्थ हो गए उनका सोना नीलाम कर दिया गया। ऐसी बिक्री के लिए अखबारों में नोटिसों की बाढ़ आ गई है।
 
बुरे वक्त का साथी सोना
भारत में सोने का अत्यधिक वित्तीय और सांस्कृतिक महत्व है। सोने को शादियों, जन्मदिनों और धार्मिक समारोहों में जरूरी माना जाता है। इसे एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में भी देखा जाता है, जिसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दिया जा सकता है।
 
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारतीयों ने 2020 में 315।9 टन सोने के आभूषण खरीदे, जो अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के लगभग बराबर था। अनुमान है कि भारतीय परिवारों के पास 24,000 टन यानी 1।5 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के सिक्के, सोने के छोटे टुकड़े और जेवरात हैं।
 
ऑल इंडिया जेम ऐंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के निदेशक दिनेश जैन के मुताबिक, "महिला या किसी भी घर के लिए यह एकमात्र सामाजिक सुरक्षा है क्योंकि सरकार की ओर से ऐसा कोई सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम नहीं है।"
 
वह कहते हैं, "सोना नकदी की तरह है। आप इसे दिन या रात कभी भी बेच सकते हैं।" 
 
मंगलसूत्र तक बेच रहीं महिलाएं
मुंबई के ऐतिहासिक जावेरी बाजार में 106 साल पुरानी सोने की दुकान चलाने वाले 63 साल के कुमार जैन कहते हैं कि उन्होंने कभी इतने लोगों को सोना बेचने के लिए आते नहीं देखा। जैन कहते हैं, "महामारी से पहले ऐसा नहीं था।"
 
जैन कहते हैं कि हाल के महीनों में उनके ग्राहक जो कि मुख्य रूप से महिलाएं हैं, उन्होंने सोने की चूड़ियों, अंगूठियों, हार और झुमके समेत कई निजी आभूषण बेचे हैं। जैन कहते हैं, "सबसे खराब तब लगता है जब वे अपना मंगलसूत्र बेचती हैं। वह तो शादीशुदा महिला की निशानी है।"
 
जैन आगे कहते हैं, "रोना आ जाता है जब वह अपने गले से 'मंगलसूत्र' उतारती है और कहती है 'मुझे इसके बदले लिए पैसे दो', यह सबसे खराब मंजर होता है।"
 
मुंबई में कपड़ा कारोबार की मालकिन जोगानी अपने कुछ आभूषण बेचकर राहत की सांस ले रही हैं। उन्हें आठ कंगन, गले का हार और कुछ अंगूठियां बेचकर करीब दो लाख रुपए मिले।
 
जोगानी कहती हैं, "पहले मैं इन चीजों पर ध्यान नहीं देती थी, जब मेरी मां मुझसे कहती थीं कि तुम्हे सोने में बचत करनी है। लेकिन अब मुझे पता चला है, हर किसी को सोने में बचत करनी चाहिए।" एए/वीके (एएफपी)

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट

આગળનો લેખ
Show comments