नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर नेटवर्क (GSTN) 22 अक्टूबर को जीएसटी (GST) रिटर्न भरने के नए वर्जन को जारी करेगा। इसका उदेश्य रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने आईआईटी दिल्ली एल्युमनी एसोशिएशन द्वारा आयोजित संगोष्ठी में कहा कि जीएसटी रिटर्न भरने के मौजूदा दूसरे संस्करण में कई सुझावों को शामिल कर लिया गया था। अब तीसरा संस्करण 22 अक्टूबर से आने जा रहा है।
जीएसटीएन की जीएसटी के क्रियान्वयन में बड़ी भूमिका है। यह केन्द्र और राज्य सरकारों के करदाताओं और दूसरे पक्षों को जीएसटी के लिये सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क का ढांचा और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराता है।
कुमार ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र में जटिलता काफी कम हुई है। जीएसटी के क्रियान्वयन से कारोबारियों द्वारा भरे जाने वाले फार्म की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है जबकि इससे पहले विभिन्न केंद्रीय और राज्य कानूनों के तहत 495 फार्म तक भरने होते थे।
उन्होंने कहा कि कि अप्रत्यक्ष कर प्रशासन अब आयकर विभाग के साथ भी आंकड़ों को साझा करता है। इस पहल से कर चोरी को पकड़ने में मदद मिलेगी। वर्तमान में जीएसटी के तहत 1 करोड़ 23 लाख करदाता पंजीकृत हैं।
जीएसटी परिषद के विशेष सचिव राजीव रंजन ने इस अवसर पर कहा कि जीएसटी ने कारोबारियों के लिए कारोबार करने के लिए जरूरी विभिन्न सुविधाओं की लागत को कम किया है।
इसके साथ ही नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में विभिन्न वस्तुओं की दर में कमी लाए जाने से दाम कम हुए हैं और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगा है।