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परीक्षा देने आई लड़की से अंत:वस्त्र उतारने को कहा..

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मंगलवार, 9 मई 2017 (00:26 IST)
तिरूवनंतपुरम-नई दिल्ली। नीट में शामिल होने के लिए अंत:वस्त्र सहित कपड़े उतारने के लिए मजबूर की गई छात्राओं के गुस्साए माता-पिता ने आज कहा कि वे सीबीएसई और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराएंगे। कल 19 वर्षीय एक छात्रा को कन्नूर के परीयारम स्कूल में कथित तौर पर अपना अंत:वस्त्र उतारने के लिए मजबूर किया गया था, जिससे बवाल मच गया है। 
 
राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में नकल रोकने के लिए सीबीएसई के ड्रेस कोड का सख्ती से लागू करने को लेकर केरल के कन्नूर स्थित एक परीक्षा केंद्र में कल एक लड़की से प्रवेश परीक्षा में बैठने से पहले अपने अंत:वस्त्र उतारने को कहा गया।
 
इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि ड्रेस कोड के नाम पर ऐसे दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने को किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि इस सिलसिले में कुछ शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि एक छात्रा से उसका अंत:वस्त्र उतारने के लिए कहा गया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि यह घटना सच है तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। ऐसी पाबंदी परीक्षाओं में शामिल हो रहे बच्चों को मानसिक रूप से प्रभावित करेगी। केरल बाल अधिकार आयोग ने 10 दिनों में सीबीएसई से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, केरल मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीएसई के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और एक उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
 
आयोग ने कहा, सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक से तीन हफ्तों में एक स्पष्टीरण देने को कहा गया है। कन्नूर जिला पुलिस प्रमुख से भी एक रिपोर्ट देने को कहा गया है। आयोग ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से फौरन हस्तक्षेप करने और मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर सीबीएसई के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है।
 
नीट में शामिल होने के लिए कल 19 वर्षीय एक छात्रा को कन्नूर के परीयारम स्कूल में कथित तौर पर अपना अंत:वस्त्र उतारने के लिए मजबूर किया गया था। छात्रा की मां ने बताया, मेरी बेटी परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने के बाद बाहर आई और अपना अंत:वस्त्र मुझे सौंप दिया। उसने बताया कि उसे सीबीएसई ड्रेस कोड के मुताबिक इसे उतारने के लिए कहा गया है।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि एक ‘मेटल डिटेक्टर टेस्ट’ में बीप की आवाज आने के बाद निरीक्षक ने उनकी बेटी को यह वस्त्र उतारने का निर्देश था। दरअसल, उसमें धातु का बना एक हुक लगा हुआ था, जिसके चलते जांच में ‘बीप’ की आवाज आई। (भाषा) 

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