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मतदान की स्याही पर भ्रामक ट्वीट को चुनाव आयोग के निर्देश के बाद ट्‍विटर ने हटाया

मतदान की स्याही पर भ्रामक ट्वीट को चुनाव आयोग के निर्देश के बाद ट्‍विटर ने हटाया
, शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (00:20 IST)
नई दिल्ली। ट्विटर ने मतदान में इस्तेमाल होने वाली स्याही के बारे में एक भ्रामक ट्वीट को चुनाव आयोग के निर्देश पर हटा लिया। इस मामले में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर आयोग ने ट्विटर इंडिया से तत्काल कार्रवाई करने को कहा था।
 
उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने गुरुवार को बताया कि मतदान में इस्तेमाल होने वाली स्याही से जुड़ीं भ्रामक जानकारियों वाले ट्वीट का मामला संज्ञान में आने पर आयोग ने ट्विटर इंडिया से कार्रवाई करने को कहा है। आयोग के निर्देश पर उक्त ट्वीट तत्काल प्रभाव से हटा दिए हैं और दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 
आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े अन्य मामलों में की गई कार्रवाई के बारे में सक्सेना ने बताया कि रेल और हवाई यात्रा टिकट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर हटाने पर रेल और उड्ययन मंत्रालय से गुरुवार शाम 5 बजे तक जवाब मांगा गया था। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय से जवाब मिल गया है और एयर इंडिया से जवाब का इंतजार है। दोनों के जवाब की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
 
कांग्रेस द्वारा घोषित 'न्याय योजना' पर नीति आयोग के सदस्य राजीव कुमार की प्रतिक्रिया से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर कार्रवाई के बारे में सक्सेना ने बताया कि नीति आयोग ने इस बारे में अपना पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। इसके लिए उन्हें 5 अप्रैल तक जवाब देने का समय दिया गया है।
 
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी बायोपिक की रिलीज के समय में चुनाव आचार संहिता के कारण बदलने की मांग के मामले में सक्सेना ने बताया कि फिल्म के 4 निर्माताओं को आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी के माध्यम से नोटिस भेजा गया है। फिल्म निर्माताओं को गुरुवार को शाम 5 बजे तक जवाब देना था। मुझे अभी तक उनके जवाब आने की जानकारी नहीं मिली है।
 
चुनाव खर्च के बारे में स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए पूर्व पुलिस अधिकारी केके शर्मा की तैनाती पश्चिम बंगाल के स्थान पर आंध्रप्रदेश करने के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि शर्मा ने स्वयं पश्चिम बंगाल के बजाय किसी अन्य राज्य का पर्यवेक्षक बनाने का अनुरोध किया था। इस पर उन्हें आंध्रप्रदेश और तेलंगाना का पर्यवेक्षक बनाया गया है। (भाषा)

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