Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बाढ़ की विभीषिका के बाद केरल पर मंडरा रहा है यह खतरा...

Webdunia
सोमवार, 20 अगस्त 2018 (08:09 IST)
केरल में रविवार को बारिश थमने के बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली। बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं। 'भगवान के इस देश' में बाढ़ की तबाही के कारण 7,24,649 लोग राहत शिविरों में हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में करीब 370 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन केरल पर अभी एक खतरा और मंडरा रहा है। 
 
केरल पर संक्रामक रोगों का खतरा मंडरा रहा है। संक्रामक रोगों के खतरे को देखते हुए केरल में 3767 मेडिकल रीलीफ कैंप बनाए गए हैं। 90 तरह की दवाएं केरल भेजी गई हैं। फिलहाल राहत की बात यह कि अभी संक्रामक रोग के फैलने की कोई खबर नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है ऐसे वातावरण में रोगों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है।
 
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कि 'हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की था। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ। उन्होंने कहा कि 'शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है, इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे। उन्होंने बताया कि 1924 के बाद प्रदेश में बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

बांग्लादेश में कई हिंदू मंदिरों पर हुआ हमला, भारत ने जताई चिंता, सरकार से की यह मांग

क्या महाराष्ट्र में सरप्राइज देगी BJP, एकनाथ शिंदे डिप्टी CM बनने को तैयार

अडाणी की 11 कंपनियों में से 5 के शेयरों में तूफानी तेजी, 8 दिन में बदल गए हालात, 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी

हेमंत सोरेन ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, INDIA की 10 पार्टियों के नेता मौजूद रहे

Honda Activa e की इंट्री, Ola, Ather, TVS और Bajaj की उड़ी नींद, फीचर्स से मचा देगी धमाल

सभी देखें

नवीनतम

पहाड़ों पर बर्फबारी से उत्तर भारत में गिरा तापमान, तमिलनाडु में चक्रवात की चेतावनी

मध्यप्रदेश के खंडवा में बड़ा हादसा, मशाल जुलूस में आग से झुलसे 50 लोग

LIVE: दिल्ली में नहीं बनी बात, अब मुंबई में होगा महाराष्‍ट्र सीएम का फैसला

चलती एंबुलेंस में नाबालिग के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

कौन होगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री, शाह के साथ महायुति के नेताओं का देर रात तक मंथन

આગળનો લેખ
Show comments