इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दसवें संस्करण का आयोजन फंड रिलीज़ करने की समस्या के चलते अधर में नज़र आ रहा है। आईपीएल के लिए क्रिकेट प्रेमी साल भर इंतज़ार करते हैं, लेकिन इस बार राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को दिया जाने वाला फंड अगर रिलीज़ न हुआ तो हो सकता है कि आईपीएल 10 न हो।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें क्रिकेट एसोसिएशन लागू नहीं करेंगे, तब तक बीसीसीआई से उन्हें कोई फंड जारी नहीं किया जाएगा। अगर यह अवरोध दूर नहीं हुआ तो आईपीएल 10 के आयोजन पर सवालिया निशान लग सकता है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई समिति और राज्य क्रिकेट एसोसिएशंस के बीच फंड को लेकर विवाद चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रत्येक क्रिकेट एसोसिएशन को आईपीएल के एक मैच के लिए 60 लाख रुपए दिए जाते हैं. जिसमें 30 लाख बीसीसीआई से मिलते हैं और बाकी फ्रेंचाइजी से मिलते हैं। इस फंड का इस्तेमाल मैदान की तैयारी और मैच होने तक सारे इंतज़ाम के लिए किया जाता है। पिछले कुछ सालों से टूर्नामेंट से एसोसिएशंस को बोर्ड से एडवांस और बैलेंस पेमेंट मिल रहा था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बार एसोसिएशंस को दिया जाने वाला फंड रिलीज नहीं हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आईपीएल नहीं हो पाएगा और इसके साथ ही बीसीसीआई को लगभग 3000 हज़ार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ सकता है।