भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। चार दिन चलने वाले बजट सत्र में कुल तीन बैठकें होंगी। 15 साल बाद सत्ता संभालने वाली कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सदन में अंतिरम बजट पेश करेगी।
सदन में वित्तमंत्री तरुण भनोट चार महीनों के लिए जिस बजट को पेश करेंगे उसमें कई लोकलुभावन वादे और कमलनाथ सरकार के दो महीने के कामकाज की झलक देखने को मिलेगी। इसके साथ ही बजट में सरकार के रौडमैप की झलक भी देखने को मिलेगी।
सदन में सरकार को घेरेगा विपक्ष : लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे बजट सत्र में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरेगा। किसानों के कर्जमाफी और सूबे की कानून-व्यवस्था पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
इसके साथ ही प्रदेश में रिकॉर्ड ट्रांसफर के मुद्दे को भी बीजेपी विधायक सदन में उठाएंगे। बजट सत्र से पहले विपक्ष की रणनीति तैयार करने के लिए रविवार रात बीजेपी विधायक दल की बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय में हुई।
बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार को फेल बताते हुए कहा कि विपक्ष सदन में सरकार से कानून व्यवस्था और ओला-पाला से प्रभावित किसानों को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिलने पर जवाब मांगेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष सदन चलाने में सरकार का पूरा सहयोग देगा, वहीं नेता प्रतिपक्ष ने एक बार फिर सत्र की छोटी अवधि को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने सत्र की अवधि दो सप्ताह बढ़ाने की मांग की है।
दूसरी ओर सदन में विपक्ष की हर रणनीति को विफल करने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों और विधायकों से सदन में पूरी तैयारी से आने की बात कही। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में विधायकों को पूरे समय उपस्थित रहने और विपक्ष पर हमलावर रहने के निर्देश दिए।