इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी को एक गैरजिम्मेदाराना और अव्यवस्थित कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि पश्चिमी देश तालिबान के साथ संवाद करने में विफल रहे तो वहां गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।
पाकिस्तान के टेलीविजन समाचार चैनल जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कुरैशी ने अफगानिस्तान में संभावित अराजकता और आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के खतरे को लेकर आगाह करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के बारे में पाकिस्तान की चिंताओं को दरकिनार किया गया और गैरजिम्मेदाराना तरीके से सैनिकों को वापस बुला लिया गया।
कुरैशी ने कहा कि पश्चिम को अब यह सुनिश्चित करने के लिए नई तालिबान सरकार का परीक्षण करना चाहिए कि वह अपने वादों को पूरा करती है कि नहीं। उन्होंने कहा कि यदि पश्चिम तालिबान के साथ बातचीत नहीं करता है, तो अफगानिस्तान एक और गृहयुद्ध का शिकार हो सकता है और इस क्षेत्र में आतंकवाद की एक नई लहर फैल सकती है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में अराजकता फैल सकती है और इससे उन संगठनों को जगह मिलेगी जिनसे हम सभी डरते हैं। हम नहीं चाहते कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में अपनी जड़ें मजबूत करें।
अमेरिकी सैनिकों को लेकर आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार तड़के काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी, जिसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 वर्ष लंबा सैन्य अभियान समाप्त हो गया।