Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

आज दूल्हा बने राजा महाकालेश्वर का सप्त धान श्रृंगार, जानिए शिव जी को सप्तधान चढ़ाने के 10 लाभ

Webdunia
बुधवार, 2 मार्च 2022 (11:48 IST)
Saptdhan shringar
महाशिवरात्रि के 9 दिन पहले उज्जैन में शिव नवरात्रि की शुरुआत होती है। 9 दिन तक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है। नौ दिन तक शिव और पार्वती के विवाह की रस्में निभाई जाती है। इन नौ दिनों तक भगवान श्री महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। महाशिवरात्रि के बाद आज महाकालेश्वर का सप्तधान श्रृंगार किया गया।
 
 
महाकाल उज्जैन आने वाले भक्तों को शिव नवरात्रि के दिनों में भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप तथा सप्त धान मुखारविंद में दर्शनों का लाभ मिलता है। आओ जानते हैं कि यह शिवजी को सप्तधान अर्पित करने के क्या है 10 लाभ। 
 
क्या है यह सप्तधान : महाशिवरात्रि 2022: शिवरात्रि पर भगवान शिव को बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़ा, पंचामृत, जल आदि अर्पित किया जाता है। इसी के साथ सप्तधान की शिवा मुठ्ठी को चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसमें कच्चे चावल, सफेद तिल, खड़े मूंग, जौ और सतुआ होता है। आमतौर पर यह धान सावन माह के प्रति सोमवार को एक-एक मुठ्ठी अर्पित किए जाते हैं परंतु यहां उक्त सभी में ज्वार और गेंहू मिलाकर एक मुट्ठी महाशिवरात्रि पर शिवजी के समक्ष अर्पित करें। इसके लिए किसी विद्वान से पूछकर यह कार्य करें।
 
शिवा मुट्ठी अर्पित करने का तरीका : शिवा मुट्ठी चढ़ाने से पहले शिवजी का जलाभिषेक करें फिर शिवजी को पंचामृत चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को जल से पुन: स्नान कराने के बाद 108 बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को इत्र अर्पित करें। फिर पीली धोती शिवलिंग पर चढ़ाएं और साथ में माता पार्वती को चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद पूरे शिव परिवार को जल दें और पूजा करें। अंत में शिवा मुट्ठी अर्पित करें। 
 
हालांकि कई जगहों पर सप्तधान यह माने गए हैं- 1.जौ, 2.गेहूं, 3.चावल, 4.तिल, 5.कंगनी, 6.उड़द और 7.मूंग।

सप्तधान चढ़ाने के 10 लाभ
 
1. इससे सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
 
2. घर में धन और धान्य बना रहता है।
 
3. सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
 
4. सभी तरह के रोग मिट जाते हैं।
 
5. यह सभी तरह के पापों का नाश करता है। 
 
6. अनावश्यक भय और चिंता का निवारण होता है। 
 
7. इससे सभी तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलत है।
 
8. इससे पितृदोष का भी निवारण होता है। 
 
9. कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
 
10. अकाल मृत्यु नहीं होती है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Shani Gochar 2025: शनि ग्रह मीन राशि में जाकर करेंगे चांदी का पाया धारण, ये 3 राशियां होंगी मालामाल

2025 predictions: वर्ष 2025 में आएगी सबसे बड़ी सुनामी या बड़ा भूकंप?

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

सभी देखें

धर्म संसार

Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें कथा, महत्व, पूजा विधि और समय

Aaj Ka Rashifal: आज किन राशियों को मिलेगी हर क्षेत्र में सफलता, पढ़ें 28 नवंबर का राशिफल

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर, इन देशों में भी होंगे विशेष कार्यक्रम

प्रयागराज में डिजिटल होगा महाकुंभ मेला, Google ने MOU पर किए हस्‍ताक्षर

Yearly rashifal Upay 2025: वर्ष 2025 में सभी 12 राशि वाले करें ये खास उपाय, पूरा वर्ष रहेगा शुभ

આગળનો લેખ
Show comments