एक व्यक्ति सुबह-सुबह थोड़ा सा आध्यात्मिक हो गया और आंखें बंद करके सोचने लगा
1. कौन हूं मैं ?
2. कहां से आया हूं ?
3. क्यों आया हूं ?
4. कहां जाना है ?
इन प्रश्नों के चिंतन में वह इतना खो गया कि समय का ध्यान नहीं रहा।
तभी पीछे से पत्नी की आवाज़ आई,-
"एक नंबर के आलसी हो तुम,
पता नहीं कौन सी दुनिया से आए हो,
मेरी जिंदगी खराब करने,
उठो और नहाने जाओ."
चारों प्रश्नों का बड़ी सुगमता से उत्तर मिलने से उसकी आध्यात्मिक यात्रा पूरी होने के साथ संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति भी हो गई !