नई दिल्ली। दिल्ली डेयरडेविल्स के नए नवेले कप्तान श्रेयस अय्यर ने शुक्रवार की रात फिरोजशाह कोटला मैदान पर कोलकाता नाइटराइडर्स की ताकतवर गेंदबाजी की पोल खोलकर रख दी। श्रेयस ने 93 रनों की पारी में मारे गए 10 छक्के और 3 चौके कोटला के दर्शकों को लंबे समय तक याद रहेंगे।
कोलकाता नाइटराइर्स की टीम में सुनील नारायण, पीयूष चावला और कुलदीप यादव की तिकड़ी को केकेआर का प्रमुख अस्त्र माना जाता है लेकिन श्रेयस अय्यर ने जिस तरीके से इस तिकड़ी के धुर्रे बिखेरे, वो देखते ही बनते थे। श्रेयस ने तो अपनी विध्वंसक पारी से मैदान ही लूट लिया था।
केकेआर का ये गेंदबाजी 'ट्रंप कार्ड' श्रेयस अय्यर के सामने बुरी तरह धराशायी हो गया। मैदान के चारों ओर दिल्ली के नए कप्तान की तूती बोल रही थी। श्रेयस ने मात्र 40 गेंदों का सामना किया और वे 93 रन पर नाबाद पैवेलियन लौटे, वह भी टीम का स्कोर 20 ओवर में 219 (4 विकेट) रनों पर पहुंचाकर।
फिरोजशाह के एक अच्छे बल्लेबाजी ट्रैक पर जहां रनों की भरपूर फसल काटी जा रही हो, वहां पर कोलकाता के बल्लेबाजों का 164 तक (9 विकेट) ही पहुंच पाना कई सवाल खड़े करता है। असल में कोलकाता के बल्लेबाज 200 से ज्यादा रन बनने के कारण दबाव में गए थे और इस दबाव से वे कभी उभर ही नहीं पाए।
आईपीएल के 11वें संस्करण में खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में श्रेयस की पारी का शुमार किया जाना लाजमी हैं, वह भी ऐसे वक्त जबकि अनुभवी कप्तान गौतम गंभीर ने अचानक कप्तानी के भार से खुद को मुक्त कर लिया था। देखा जाए तो श्रेयस की केकेआर के खिलाफ कप्तानी की अग्निपरीक्षा थी, जिसमें वे सफल होकर बाहर निकले।
इस मामले में गंभीर के त्याग की भी तारीफ करनी होगी कि उन्होंने ऐसे वक्त खुद को टीम से अलग किया, जब दिल्ली डेयरडेविल्स टीम को चारों तरफ से आलोचनाओं के तड़ातड़ चांटे पड़ रहे थे। महान क्रिकेटर सुनील गावसकर ने भी अमूमन इस तरह का त्याग क्रिकेट जगत में देखा नहीं जाता, जो त्याग गंभीर ने किया है।
इसमें कोई शक नहीं कि गौतम गंभीर का व्यक्तित्व कमाल का है। इस आईपीएल में उनका बल्ला नहीं चला और 5 पारियों में वे केवल 85 रन बना पाए थे। गंभीर ने कप्तानी की जिम्मेदारी श्रेयस जैसे युवा क्रिकेटर के कंधों पर डाल दी और कमाल के इस बल्लेबाज ने केकेआर के गेंदबाजों के धुर्रे बिखेरकर रख दिए।