Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

उज्जैन की बिना नींव की मस्जिद क्यों है चर्चा में?

Webdunia
प्रथमेश व्यास
उज्जैन में आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद जी महाराज द्वारा किए गए एक दावे के बाद से यहां के दानी गेट के पास स्थित बिना नींव की मस्जिद बहुत चर्चा में है। महाराज ने दावा किया है कि इस मस्जिद के अंदर भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा है, जिसे उन्होंने खुद जाकर अपनी आंखों से देखा है। स्वामी जी ने प्रशासन से इसकी फोटो-वीडियोग्राफी कराने की मांग भी की है। 
 
आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद जी महाराज इन दिनों एक नई बहस के चलते चर्चा में है। उनका दावा है कि उज्जैन की विख्यात बिना नींव की मस्जिद के अंदर उन्होंने भगवान शिव और गणेश जी की प्राचीन प्रतिमा देखी है। इस मुद्दे पर उन्होंने प्रशासनिक कार्यवाही की मांग भी की है। स्वामी जी का कहना है कि इस मुद्दे को संज्ञान में लेकर अगर प्रशासन ने कार्यवाही नहीं की, तो वे कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। 
 
स्वामी अतुलेशानंद जी महाराज अखंड हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। उनके दावे के अनुसार उन्होंने 2007 में स्वयं मस्जिद में जाकर राजा भोज के समय की प्राचीन भगवान की मूर्तियां देखी थी। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद पर देशभर में चर्चा जारी ही थी, की ऐसा ही एक मामला उज्जैन से भी सामने आ गया। 
 
स्वामी जी ने प्रशासनिक कार्यवाही ना किए जाने पर कोर्ट जाने की धमकी दी है। उनका तत्काल प्रभाव से मस्जिद से सम्बंधित दस्तावेजों को ग्वालियर से मंगवाने और हिन्दुओं की संपत्ति हिन्दुओं के नाम कर देने बात भी कही है। फिलहाल, इस मुद्दे पर किसी  भी प्रशासनिक अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है।

क्यों कहा जाता है बिना नींव की मस्जिद ? 
उज्जैन के दानी गेट इलाके के पास स्थित जाम-ए-अल्तमश मस्जिद करीब 800 साल पुरानी है। इसे बिना नींव की मस्जिद भी कहा जाता है। ये इसलिए कि इसके निर्माण के समय इसकी नींव नहीं बनाई गई थी। केवल पत्थरों के ऊपर पिल्लर खड़े कर इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। इस मस्जिद को 12वीं शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान शम्सुद्दीन अल्तमश द्वारा बनवाया गया था। मुस्लिम समुदाय के लोगों के अलावा यहां भारी मात्रा में हिन्दू भी आते हैं। उनका मानना है कि यहां आकर माथा टेकने से उनकी मन्नतें पूरी होती हैं। नींव के ना होने के बाद भी 8 शताब्दियों से ऐसी ही बनी रहने की वजह से ये मस्जिद कई बार वास्तुकला विशेषज्ञों के लिए शोध का केंद्र भी बन चुकी है। मस्जिद की छत और दीवारों पर बहुत ही बारीक नक्काशी की गई है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हाथी की नक्काशी, गणेश प्रतिमा आदि देखे जाने के महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद जी दावे के बाद से यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है और स्थानीय लोग भी इसे देखने आ रहे हैं। 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Utpanna ekadashi Katha: उत्पन्ना एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

Aaj Ka Rashifal: 25 नवंबर के दिन किसे मिलेंगे नौकरी में नए अवसर, पढ़ें 12 राशियां

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

આગળનો લેખ
Show comments