हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। यह दिवस संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। इस अवसर पर विश्वभर में लाखों लोग एक साथ योग करके सेहतमंद बने रहने और शांति का संदेश देते हैं। योग दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कब से हुई जानिए संक्षिप्त में कुछ खास।
1. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र को सितम्बर 2014 में योग दिवस मनाने का सुझाव दिया।
2. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को योग दिवस मनाने की पहल को मात्र 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी भी दिवस प्रस्ताव को इतनी जल्दी पारित नहीं किया गया था।
3. इसके बाद 21 जून 2015 को पहली बार कुछ देशों को छोड़कर पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया गया।
4. विद्वान लोग कहते हैं कि 21 जून का दिन तय करने के पीछे एक कारण था वह यह कि 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, यह मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता है। ध्यान देने वाली बात है कि 21 जून के दिन सूरज जल्दी उदय होता है और देरी से ढलता है। अत: इस दिन दिन सूर्य का तेज धरती पर सबसे प्रभावी होता है।
5. कुछ विद्वान इसके पीछे एक कारण यह भी बताते हैं कि शिव ने योग का पहला प्रसार या उपदेश अपने सात शिष्यों को को ग्रीष्म संक्राति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा देकर दिया था। इसे शिव के अवतरण दिवस और दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है।
6. 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है।
7. संपूर्ण विश्व के लोग अच्छी सेहत प्राप्त करने के लिए योग की ओर मुड़े और नियमित योग करके खुद को निरोगी और स्वस्थ रखें साथ ही सभी लोग धर्म, जाति, संप्रदाय, प्रांत और देश भी भावना से उपर उठकर प्रेम और सद्भाव की भावना से योग करें। यही योग दिवस को मनाने का उद्येश्य है। योग सभी मनुष्य को आपस में जोड़कर परस्पर प्रेम और सद्भाव की भावना का विकास करता है।
8. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था, जिसमें 35,985 लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे।
9. योग दिवस के पहले समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स हासिल किए। पहला रिकार्ड 35 हजार से अधिक लोगों के साथ योग करना और दूसरा 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेना।
10. विश्व में योग का महत्व पिछले 3 दशकों में ज्यादा बढ़ा है। योग अब किसी धर्म या देश की सीमा से बंधा नहीं है। यह अब सीमाओं के पार निकलकर घर-घर में होने लगा है। 'सेहत के लिए योग- घर पर योग'।