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क्या कैलाश विजयवर्गीय ने वाकई पुलिस अधिकारी पर ताना था जूता...जानिए वायरल तस्वीर का पूरा सच

क्या कैलाश विजयवर्गीय ने वाकई पुलिस अधिकारी पर ताना था जूता...जानिए वायरल तस्वीर का पूरा सच
, शनिवार, 29 जून 2019 (15:42 IST)
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने हाल में ही इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी। वो वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। अब उनके पिताजी यानि कैलाश विजयवर्गीय की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। तस्वीर में भाजपा नेता एक अधिकारी पर जूता ताने खड़े दिख रहे हैं। वायरल तस्वीर पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।



इस तस्वीर और आकाश विजयवर्गीय की तस्वीर को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है और लिखा है- ‘कहते हैं संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होते हैं..! पहली तस्वीर- 1994 में पुलिस अफसर पर जूते से वार करते इंदौर के तत्कालीन विधायक कैलाश विजयवर्गीय। दूसरी तस्वीर- 2019 में निगम अफसर पर बल्ले से हमला करते उनके पुत्र और इंदौर के वर्तमान विधायक आकाश विजयवर्गीय’।


सच क्या है?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर तो असली है लेकिन उसके साथ किया गया दावा गलत है। कैलाश विजयवर्गीय ने तत्कालीन एएसपी प्रमोद फल्निकर पर जूता ताना नहीं था बल्कि जूता दिखाया था, वह भी यह कहते हुए कि ‘म्युनिसिपल ऑफिस के चक्कर लगाते हुए अब तो मेरा जूता भी घिस गया है’।

प्रमोद फल्निकर वर्तमान में NSG के IG हैं और दिल्ली में कार्यरत हैं। उन्होंने उस घटना को याद करते हुए इंडिया टूडे को बताया कि ये बात 1994 की है। कैलाश विजयवर्गीय उस समय इंदौर से विधायक थे। उस दौरान परदेसीपुरा इलाके में पानी की भीषण समस्या चल रही थी और विजयवर्गीय अपने समर्थकों के साथ मुंबई-आगरा हाईवे पर चक्का जाम कर रहे थे।

फल्निकर ने कहा, “एएसपी होने के नाते, मैं वहां गया और उन्हें इस आश्वासन के साथ धरना समाप्त करने के लिए मनाया कि मैं समस्या को हल करने के लिए नगर निगम आयुक्त से बात करूंगा। फिर वे धरना प्रदर्शन को खत्म करने के लिए राजी हो गए।”

“लेकिन जब कई दिनों के बाद भी पानी का संकट हल नहीं हुआ, तो विजयवर्गीय और उनके लोगों ने एक वरिष्ठ नगरपालिका अधिकारी के घर का घेराव करने का फैसला किया। जब मुझे यह बात पता चली तो मैं एक बार फिर मौके पर पहुँच गया और विजयवर्गीय को रोकने की कोशिश करने लगा,” फल्निकर ने बताया।

फल्निकर ने बताया ‍कि इसी दौरान विजयवर्गीय ने मुझे अपना जूता दिखाते हुए कहा- आपके कहने पर हमने उस दिन धरना खत्म कर दिया था। म्युनिसिपल ऑफिस के चक्कर लगाते हुए अब तो हमारे जूते भी घिस गए पर कुछ नहीं हुआ। अब तो इनके घर जाकर ही बात करनी होगी। इसी दौरान प्रभात किरण के एक फोटोग्राफर ने यह तस्वीर खींच लीं।

फाल्निकर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विजयवर्गीय ने न तो उनको जूते से मारा और न ही उन्हें धमकी दी।

वायरल तस्वीर में आप भी देख सकते हैं कि घटनास्थल पर पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं लेकिन सब धैर्यपूर्वक खड़े हैं। यदि कोई उनके अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करता, तो क्या पुलिसकर्मी यूं ही शांत खड़े दिखते।

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