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मध्यप्रदेश में कानून हाथ में लेने से नहीं डर रहे हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं के बेटे!

मध्यप्रदेश में कानून हाथ में लेने से नहीं डर रहे हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं के बेटे!

विकास सिंह

, बुधवार, 26 जून 2019 (22:02 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में शायद भाजपा के दिग्गज नेताओं के बेटों को कानून का खौफ नहीं रह गया है तभी तो नेता पुत्र अपने हाथ में कानून लेने से नहीं डर रहे हैं।
 
प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार नहीं हो लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेताओं के बेटों पर केंद्र में मोदी सरकार फिर से आने के बाद लगता है, सत्ता का नशा चढ़ गया है। तभी तो मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बने भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल पर हत्या की कोशिश करने का केस दर्ज हुआ। प्रबल पटेल पर पिता के मंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही अपने चचेरे भाई और सथियों के साथ एक युवक की जमकर पिटाई करने और उस पर गोली चलाने का आरोप है।
 
अभी यह मुद्दा ठंडा नहीं पड़ा था कि इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय ने सरेआम नगर निगम के अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी।
 
नेता-पुत्रों की इस गुंडागर्दी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। पूरी घटना का जो वीडियो सामने आया है, उससे एक बात तो बिलकुल साफ है कि आकाश विजयवर्गीय ने आवेश में आकर एकाएक पिटाई नहीं की। पूरी घटना से पहले उनकी निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों से बात हुई फिर उसके करीब 10 मिनट बाद पहली बार विधायक बने आकाश विजयवर्गीय किक्रेट का बैट लेकर आए और अपनी ड्यूटी कर रहे निगम के कर्मचारी की धुनाई करने लगे।
 
इस पूरी घटना को देखने के बाद सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा नेताओं के बेटों को अब कानून हाथ में लेने से डर नहीं लगता? घटना के बाद आकाश जब मीडिया के सामने आए तो वे अपने किए पर पछतावा करने के बजाय आगे भी ऐसा ही करने की एक तरह से धमकी देते नजर आए।
 
आकाश निगम कर्मचारी की पिटाई पर माफी मांगने की बजाए इस मुद्दे को राजनीति से जोड़ने लगे और कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों पर प्रॉपर्टी कब्जा करने का आरोप लगाने लगे। आकाश विजयवर्गीय अपनी सफाई में अपने कारनामे को राजनीतिक मजबूरी भी बताने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए।
 
लेकिन सवाल यह है कि किसी भी नेता को अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए एक सरकारी अधिकारी की सरेआम धुनाई करने का हक किसने दिया है? भाजपा विधायक भले ही लाख तर्क दें लेकिन जिस तरह निगम अधिकारी की पिटाई की गई है, उसे किसी भी मायने में सही नहीं ठहराया जा सकता है।
 
शायद बेटे की इस गलत हरकत से होने वाले नुकसान का अंदाजा पिता कैलाश विजयवर्गीय को अच्छी तरह से है तभी तो वे दिनभर मीडिया से बचते नजर आए और जब कैमरे के सामने आए तो बेटे की करतूत पर चुप्पी साध ली। इसके साथ ही राजनीति में शुचिता की बड़ी-बड़ी बात करने वाले भाजपा का कोई भी बड़ा नेता आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ अब तक कुछ नहीं बोला है।
 
भाजपा जो चाल, चरित्र और चेहरे की राजनीति करने की बात करती है, उसकी नई पीढ़ी की राजनीति का चेहरा अगर बुधवार को इंदौर में दिखाई दिया तो इस भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य ही कहेंगे।

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