Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

इटावा जेल में वर्चस्व को लेकर कैदियों में संघर्ष, डिप्टी जेलर घायल

अवनीश कुमार
बुधवार, 1 अप्रैल 2020 (22:50 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के इटावा में वर्चस्व को लेकर कैदियों में झगड़ा हो गया। इसी दौरान मौके पर पहुंचे जेल के अधिकारी व सिपाहियों पर भी कैदियों ने हमला बोल दिया। हमले में डिप्टी जेलर समेत कई जेल के कर्मी घायल हो गए हैं। 

जेल के अंदर की मारपीट की सूचना मिलते ही मौके पर एसएसपी, एसपी सिटी के साथ एडीएम, एसडीएम, सदर भी मौके पर पहुंच गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
 
मिली जानकारी के अनुसार इटावा जेल में आगरा से आए मुन्ना खालिद व कानपुर के मोनू पहाड़ी जेल में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते थे। इसे लेकर दोनों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले। 
 
मौके पर पहुंचे तो इन लोगों ने डिप्टी जेलर जगदीश प्रसाद व लंबरदार छुन्ना व जेलकर्मियों के साथ जमकर मारपीट की। सभी घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना को लेकर अधीक्षक राजकिशोर ने बताया कि दो गुटों में वर्चस्व को लेकर मारपीट हुई है। इसमें डिप्टी जेलर समेत कई लोग घायल हुए हैं। 
 
एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि प्रथम दृष्टि के अनुसार वर्चस्व को लेकर मारपीट हुई थी। अब स्थिति सामान्य है। पुलिस अभी जांच कर रही है। इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सरकार ने 2 रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी, जानिए किन राज्‍यों को होगा फायदा, कितनी है लागत

सुप्रीम कोर्ट ने दी व्यवस्था, संपत्ति ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोग कर सकते हैं अदालत का रुख

આગળનો લેખ
Show comments