Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सेबी जल्द ही F&O खंड के लिए कदम उठाएगा, नगर निगम बॉण्ड पर सरकार से क्या है मांग?

सेबी जल्द ही F&O खंड के लिए कदम उठाएगा, नगर निगम बॉण्ड पर सरकार से क्या है मांग?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 (14:13 IST)
Sebi : पूंजी बाजार नियामक सेबी निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए वायदा एवं विकल्प (F&O) खंड के संबंध में जल्द ही कदम उठा सकता है। सेबी ने सरकार से नगर निगम बॉण्ड के ग्राहकों के लिए कर में छूट देने का आग्रह भी किया है, जो बुनियादी ढांचे के विकास के वित्तपोषण के लिए महत्वपूर्ण है।
 
शेयर बाजार नियामक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने बताया कि नियामक वित्त आयोग के साथ बैठक में नगर निगम बॉण्ड के लिए कर छूट का मामला उठाएगा। विभिन्न नगर निगमों ने 1997 से अभी तक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बॉण्ड के जरिये 2,700 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
 
एफएंडओ पर भाटिया ने कहा कि सेबी बहुत जल्द एफएंडओ के बारे में कुछ करने जा रहा है। नियामक ने हाल ही में अपने परामर्श पत्र में सूचकांक डेरिवेटिव के नियमों को कड़ा करने के लिए सात उपायों का प्रस्ताव दिया है। इनमें न्यूनतम अनुबंध आकार को संशोधित करना तथा विकल्प प्रीमियम का अग्रिम संग्रह आवश्यक बनाना, स्थिति सीमाओं की इंट्रा-डे निगरानी, ​​स्ट्राइक कीमतों को युक्तिसंगत बनाना, समाप्ति के दिन कैलेंडर स्प्रेड लाभ को हटाना और निकट अनुबंध समाप्ति मुनाफे में वृद्धि करना शामिल है। यदि इन उपायों को लागू किया गया तो इससे जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा तथा डेरिवेटिव बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
 
अपने परामर्श पत्र में नियामक ने बाजार की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सूचकांक डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम अनुबंध आकार को दो चरणों में संशोधित करने का सुझाव दिया था। पहले चरण की शुरूआत में न्यूनतम अनुबंध मूल्य 15 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच होना चाहिए। छह महीने बाद दूसरे चरण में न्यूनतम मूल्य 20 लाख रुपए से 30 लाख रुपए के बीच हो जाएगा।
 
वर्तमान न्यूनतम अनुबंध राशि पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक है, जिसे अंतिम बार 2015 में निर्धारित किया गया था।
 
सेबी के एक हालिया अध्ययन में सामने आया था कि एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत एफएंडओ व्यापारियों में से 93 प्रतिशत को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 तक तीन वर्षों में प्रति व्यापारी करीब दो लाख रुपए का औसत नुकसान हुआ (लेनदेन लागत सहित)। वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच तीन साल की अवधि में व्यक्तिगत व्यापारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। रिपोर्ट में एफएंडओ में घाटे में चल रहे व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

02 अक्टूबर गांधी जयंती पर विशेष : वर्तमान संदर्भ, युवा एवं गांधी दर्शन