Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंपायरिंग फैसलों से हारी : कोच हरेंद्र सिंह

भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंपायरिंग फैसलों से हारी : कोच हरेंद्र सिंह
, शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018 (16:04 IST)
भुवनेश्वर। घरेलू जमीन पर 43 साल बाद विश्वकप सेमीफाइनल में पहुंचने से चूकी भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने मेजबान टीम की हॉलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हार के लिए अंपायर के फैसलों को जिम्मेवार ठहराया है। 

 
भारत को कलिंगा स्टेडियम में रोमांचक क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस हार के बाद कोच ने कहा, मेरी टीम के 11 लड़ाके विपक्षी टीम के 11 खिलाड़ियों से खेल सकती है लेकिन वह 13 विपक्षियों से नहीं लड़ सकती है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम इस हार के कारण 43 वर्ष बाद विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना पूरा नहीं कर सकी। भारत ने आखिरी बार वर्ष 1975 में हॉकी विश्वकप के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। 
 
हरेंद्र ने घरेलू प्रशंसकों से माफी मांगते हुए कहा कि रेफरी की गलतियों और उनके गलत निर्णय भारतीय टीम की हार की बड़ी वजह है। उन्होंने कहा, मैं इस बात को आज खुलकर बताना चाहता हूं जो मैंने पहले नहीं की। मैंने एशियन गेम्स में भी अपना विरोध दर्ज नहीं कराया। इन खेलों में मलेशिया के खिलाफ शूटआउट में मेरे कप्तान को गलत तरीके से येलो कॉर्ड दिया गया था जबकि यह गलत निर्णय था।
 
अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ में अंपायरिंग ही एक ऐसी समिति है जो सुधरने के लिए तैयार नहीं है। हमें यकीन है कि यदि इसमें बदलाव नहीं होगा तब तक हमें ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे। भारतीय कोच ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उनके दो खिलाड़ियों हार्दिक सिंह और अमित रोहिदास को अंपायर ने कॉर्ड दिए लेकिन उसी गलती के लिए हॉलैंड के डिफेंडरों को सजा नहीं दी गई।
 
मैच के आखिरी कुछ मिनटों में कप्तान मनप्रीत सिंह को यार्ड की कुछ दूरी पर ही धक्का दिया गया था लेकिनरेफरी ने इसके लिए विपक्षी टीम के खिलाड़ी को सजा नहीं दी। हरेंद्र ने कहा, अमित को कॉर्ड दिया गया लेकिन जब मनप्रीत को गिराया गया तो डच डिफेंडर को रेफरी ने कॉर्ड नहीं दिया। इस तरह का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। हम बेहद खराब अंपायरिंग के कारण दो बड़े टूर्नामेंट हार चुके हैं। 
 
उन्होंने कहा, अंपायरों की बैठकों में सभी कोच अंपायर मैनेजरों से अपील करते हैं कि उन्हें वीडियो रिप्ले दिखाया जाए ताकि यह देखा जाए कि क्या गलत है और क्या सही। लेकिन पावरप्वांइट प्रेजेंटेशन में हमें यह जो भी दिखाते हैं उससे कुछ साफ नहीं होता है। अंपायरों पर तल्ख लहजे में टिप्पणी करते हुए भारतीय कोच ने कहा कि वीडियो रेफरल कई बार खिलाड़ियों के फायदे में काम करते हैं और यह संकेत है कि अंपायरों को अपनी कार्यशैली में सुधार की सख्त जरूरत है। 
 
हरेंद्र ने कहा, जब खिलाड़ी वीडियो रेफरल के लिए जाता है तो अधिकतर बार इससे खिलाड़ी को ही फायदा मिलता है। लेकिन पहली ही बार में अंपायर इसे ठीक क्यों नहीं कर लेते हैं। हम हर बार रेफरल पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। भारत के हॉलैंड के खिलाफ मैच के दौरान गलत अंपायरिंग फैसलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपील करने के सवाल पर टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, अब इसका कोई फायदा नहीं रह गया है क्योंकि हम टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। 
 
अपील को लेकर कोच ने भी माना कि इसका कोई फायदा नहीं होता है। उन्होंने कहा, अपील के लिये लंबी प्रक्रिया है। लेकिन मैंने देखा है इसका फायदा नहीं होता है। हमें इसलिए फैसलों को स्वीकार करना ही पड़ता है। लेकिन अंपायरिंग में सुधार की बड़ी जरूरत है। हम सभी विश्वकप को लेकर बहुत मेहनत करते हैं। लेकिन एक व्यक्ति के गलत फैसलों से खिलाड़ियों की महीनों की मेहनत बेकार हो जाती है। (वार्ता)
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मैदान से बाहर की घटनाओं को भुलाकर न्यूजीलैंड से भिड़ने उतरेगा श्रीलंका