मुंबई। दिग्गज निशानेबाज और भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा युवा निशानेबाजी प्रतिभाओं के सामने आने से काफी उत्सुक हैं और उन्होंने इसे देशों में खेलों के लिए सकारात्मक संकेत करार दिया है।
बिंद्रा ने गुरुवार को कहा, निशानेबाजी में हम (भारतीय) काफी विकसित हैं। विश्व कप में हमने शानदार प्रदर्शन किया। हमें बस अपना ध्यान केंद्रित रखना है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
इस 36 वर्षीय निशानेबाज ने कहा, हम काफी भाग्यशाली है क्योंकि हमारे पास कई युवा निशानेबाज हैं जो लगातार सामने आ रहे हैं और मुझे लगता है कि दीर्घकाल में निशानेबाजी के विकास के लिए यह काफी सकारात्मक संकेत हैं।
जग्रेब में 2006 विश्व चैंपियनशिप और 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा मनु भाकर और सौरभ चौधरी जैसे 16 साल के पिस्टल निशानेबाजों के संदर्भ में बोल रहे थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बिंद्रा ने कहा कि भारतीय निशानेबाजों की मौजूदा पीढ़ी अधिक महत्वाकांक्षी है और उन्हें उनकी पीढ़ी के निशानेबाजों की तुलना में अधिक टूर्नामेंटों में खेलने का फायदा भी मिल रहा है।
उन्होंने कहा, मानसिकता अलग है। आज के युवा खिलाड़ी मानसिक रूप से अधिक महत्वाकांक्षी हैं और उन्हें अधिक अनुभव मिल रहा है। मुझे लगता है कि वह जीत के लिए खेलते हैं। मेरे समय में मेरा रवैया रक्षात्मक था, मेरी पीढ़ी का रवैया रक्षात्मक था जिसमें अब काफी बदलाव हुआ है।
बिंद्रा ने कहा कि निशानेबाजी ऐसा खेल है जिसमें अनुभवहीन या युवा निशानेबाज भी ओलंपिक पदक जीत सकता है और अतीत में ऐसा हुआ भी है। बिंद्रा ने पुरुष और महिला हॉकी के मुख्य प्रायोजन ओडिशा की खेलों के जरिए राज्य का प्रचार करने के लिए तारीफ की।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि ओडिशा ने समाज को एकजुट करने के लिए खेल का इस्तेमाल मंच के रूप में करके शानदार काम किया है और खेल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर उनके राज्य की छवि भी बेहतर होगी। बिंद्रा ने कहा कि अगर अन्य राज्य भी इसी राह पर चलते हैं तो यह भारत में खेलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा।