Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

हॉकी स्टार युवराज वाल्मिकी की दर्दनाक दास्तान से उठे कई ज्वलंत सवाल

सीमान्त सुवीर
भारतीय हॉकी (Indian hockey) स्टार युवराज वाल्मिकी (Yuvraj Walmiki) आज देशभर में इसलिए सुर्खियों में हैं क्योंकि जिन हाथों ने हॉकी थामकर देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरव दिलाया था, वही हाथ व्यवस्था के मुंह पर जोरदार तमाचा जड़ते हुए मुंबई में अपने छोटे से घर में रातभर पानी निकालते रहे। क्या हिंदुस्तान के लिए शर्मनाक बात नहीं है?? मुंबई में तबाही मचाने वाली आसमान से टपकी आफत ने इस स्टार खिलाड़ी को भीतर तक हिलाकर रख दिया, वह भी उस हालत में जब उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने घर देने का आश्वासन दिया था।
 
पानी उलीचते हुए दोपहर से रात बीत गई : विश्व के पहले हिंदी पोर्टल 'वेबदुनिया' की मुंबई प्रतिनिधि रूना आशीष के साथ गुरुवार की शाम युवराज वाल्मिकी इंस्ट्राग्राम चैट पर लाइव थे और इस लाइव शो में उन्होंने अपने दिल का दर्द पूरे देश के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार दोपहर डेढ़ बजे से लेकर रात भर घर से पानी निकालते रहे। यदि पानी में मेरा घर बह भी जाता तो मुझे कोई अफसोस नहीं होता। मैं उसमें का इंसान हूं, जो बार-बार गिरकर खड़ा हुआ हूं
सैलिब्रिटी के लिए नतमस्तक हो जाती बीएमसी : युवराज ने कहा कि रात के अंधेरे में मुझे इसका खयाल भी आया कि यदि मैं हॉकी खिलाड़ी के बजाय क्रिकेटर होता तो मेरे घर के बाहर मददगारों की लाइन लग जाती। बीएमसी को 15-16 बार फोन करने के बाद भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। युवराज का यह दर्द वाजिब भी है क्योंकि यदि सचिन तेंदुलकर या अमिताभ बच्चन के घर पानी भर जाता तो दर्जनभर से ज्यादा बीएमसी कर्मचारी सेवा में पहुंच जाते, यह खबर नेशनल टीवी पर सुर्खियों में होती लेकिन एक स्टार कोहराम मचाने वाली बारिश में परेशान होता रहा, इस पर किसी का ध्यान नहीं गया...
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था घर देने का वादा : भारत के स्टार खिलाड़ी ने कहा कि बीती रात को जो कुछ मैंने झेला उसमें सबसे ज्यादा दर्द इसका हुआ कि मैं अपने माता-पिता को क्या दे पाया? भारत के लिए लगातार 9 साल में 90 मैच खेले और जर्मन लीग में लगातार 8 साल खेला। खूब शोहरत मिली लेकिन इसके बदले मैं अपने माता-पिता को एक घर तक नहीं दे पाया जबकि पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मुझे घर देने का वादा किया था। इस वादे को किए 9 बरस बीत चुके हैं।
महाराष्ट्र को 2 ओलंपियन देने वाला इकलौता घर : युवराज महाराष्ट्र के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं, जिनके परिवार ने 2 ओलंपियन दिए हैं। उनके भाई हॉलैंड में रहते हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भी परेशान होकर लगातार फोन के संपर्क में रहे। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा अपने देश को तवज्जो दी और सीने पर जब तिरंगा ध्वज आता है तो रुपया पैसा कोई मायने नहीं रखता। मेरी कभी विदेश में बसने की चाहत नहीं रही। हालांकि मुझे कैनेडा का ग्रीन कार्ड मिला हुआ है, फिर भी मुझे अपने वतन से इतना प्यार है कि मेरे मन में कैनेडा का खयाल भी नहीं आया।
ALSO READ: मुंबई में रात भर पानी उलीचता रहा हॉकी खिलाड़ी, 9 साल बाद भी नहीं मिला सरकार से घर
जब बाला साहेब ठाकरे ने 'मातोश्री' बुलाया : हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन खिलाड़ियों की बदहाली देखकर कोफ्त होती है। युवराज वाल्मिकी 2011 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे। 2014 में जूनियर वर्ल्ड कप में खेले। यही नहीं उन्होंने कलर्स टीवी के लोकप्रिय शो 'खतरों के खिलाड़ी' में हिस्सा लिया। 2011 में शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने युवराज को एयरपोर्ट पर गाड़ी भेजकर सिर्फ इसलिए 'मातोश्री' में बुलवाया था क्योंकि तब भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराया था।
महज 45 मिनिट में घर हुआ रौशन : 21 साल तक बगैर बिजली के घर में रहने वाले युवराज के घर बाला साहेब के आदेश से महज 45 मिनिट में लाइट आ गई थी और आज जबकि उनके बेटे उद्धव ठाकरे प्रदेश के मुखिया है तो आज भी वे एक सुरक्षित घर (जहां बारिश का पानी न आ सके) से महरूम हैं। यदि बाला साहेब जिंदा होते तो युवराज की यह हालत होती? मरीन लाइंस पहले झुग्गी झोपड़ी का इलाका कहलाता था लेकिन अब इसके हालात थोड़े बदल गए हैं। इसी इलाके की निरंजन बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर युवराज का परिवार बसर करता है। 
 
कम नहीं हुआ हॉकी का प्रेम : बहरहाल, तमाम बुरे हालात के बीच भी युवराज वाल्मिकी के दिल में हॉकी के लिए लेशमात्र भी प्रेम कम नहीं हुआ है। उनका कहना है कि मेरे पास हॉकी सीखने के लिए आने वाले बच्चों के माता-पिता से मैं बात करता हूं और उन्हें अपने बच्चों को राष्ट्रीय खेल खेलने के लिए प्रेरित करता हूं। 
 
फिटनेस के लिए बदल रहा है माहौल : वेबदुनिया की रूना आशीष के चेट शो में युवराज ने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब देश में फिटनेस के लिए माहौल बदल रहा है। मेरा यही सुझाव है कि भारतीय हॉकी के लिए ग्रासरूट पर प्रयास करने होंगे। स्कूलों में 45 मिनिट के पीटी पीरिएड को स्पोर्ट्‍स में बदलना होगा। जो बच्चे राज्य टीम में सिलेक्ट होने से निराश हो जाते हैं, उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि मैं 13 बार जूनियर इंडिया के फाइनल सिलेक्शन से वंचित रहने के बाद टीम में आया और फिर 9 साल में देश के लिए 90 मैच खेले।
पिता के पसीने से आई खुशबू : उन्होंने आज की युवा पीढ़ी के बारे में कहा कि जो तुम ये खुशबू लगाए घूमते फिरते हो, यह मत भूलना कि यह खुशबू तुम्हारे पिता के पसीने से आई है। युवराज अपनी मां के सबसे करीब हैं और उनसे हर बात शेयर करते हैं। अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के भरोसे को देते हैं। उनकी हसरत यही है कि पूर्व मुख्यमंत्री का किया वादा महाराष्ट्र सरकार निभाए और वादे के मुताबिक मुझे छोटा सा घर दे दे। मैं उनसे कोई बड़ा बंगला नहीं मांग रहा हूं।
 
धनकुबेरों की नगरी मुंबई : मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है और यहां ढेरों धनकुबेर हैं। अब जबकि युवराज वाल्मिकी के घर की बात सार्वजनिक हो गई है और सोशल मीडिया पर लगातार उनके लिए आवाजें उठ रही हैं तो ऐसे समय जबकि सरकार कुंभकर्ण की नींद सोई पड़ी है, उस वक्त ऐसा कोई दानवीर सामने आएगा जो इस स्टार के घर के सपने को पूरा करेगा? शायद जल्दी ही फिर चाहे सरकार अपना वादा पूरा करे या फिर कोई धनकुबेर का दिल पसीजे... 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांग्लादेशी पुरुष क्रिकेटरों का भारतीय महिलाओं ने शॉल से किया स्वागत तो BCCI पर भड़के फैंस

पूरे Diamond League में ओलंपिक के इस कांस्य पदक विजेता से आगे नहीं निकल पाए नीरज चोपड़ा

बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भारतीय क्रिकेटर्स बांह पर काली पट्टी बांध कर उतरें, फैंस ने की मांग

INDvsPAK हॉकी मैच में हूटर बजने से पहले आपस में भिड़े खिलाड़ी (Video)

INDvsBAN सीरीज को रद्द करने की मांग ने पकड़ा जोर, BCCI से नाराज फैंस

सभी देखें

नवीनतम

संघर्ष से लेकर उपलब्धियों तक का सफर बताते रानी रामपाल के आंखो में आया पानी (Video)

पुणे टेस्ट में पानी नहीं मिलने पर दर्शक हुए नाराज, लगाए MCA के खिलाफ नारे

वाशिंगटन सुंदर ने 3 साल बाद वापसी करते हुए मचाया गदर, 7 विकेट चटकाकर लिखा इतिहास

7 विकेट की सुंदर वापसी, न्यूजीलैंड की टीम 259 रनों पर सिमटी

अनूठे प्रयोग से साजिद और नोमान ने इंग्लैंड के 9 विकेट झटके

આગળનો લેખ
Show comments