Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

महाशिवरात्रि मनाने के आध्यात्मिक कारण

Webdunia
Mahashivratri
 
हमारे जीवन में कोई साधना न होने पर भी इस दिन ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ती है। मगर खास तौर पर योगिक साधना करने वाले लोगों के लिए, इस रात को अपने शरीर को सीधी अवस्था में रखना, या न सोना बहुत महत्वपूर्ण है।
 
महाशिवरात्रि ऐसे लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो आध्यात्मिक मार्ग पर हैं। संसार में महत्वाकांक्षा रखने वाले और गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए भी यह उतना ही अहम है। गृहस्थ जीवन बिताने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। 
 
महत्वाकांक्षी लोग इसे उस दिन के रूप में देखते हैं, जब शिव ने अपने शत्रुओं पर जीत हासिल की थी। 
 
मगर यौगिक परंपरा में, हम शिव को एक ईश्वर की तरह नहीं देखते, बल्कि प्रथम गुरु या आदि गुरु के रूप में देखते हैं, जिन्होंने यौगिक प्रक्रिया की शुरुआत की थी। 
 
‘शिव’ का मतलब है ‘वह, जो नहीं है’। अगर आप खुद को ऐसी स्थिति में रख सकते हैं कि आप, आप न रहें और शिव को होने दें, तो जीवन में एक नई दृष्टि लाने और जीवन को पूर्ण स्पष्टता से देखने की संभावना हो सकती है।

ALSO READ: मार्च में कब है Mahashivratri, महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त यहां जानिए

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Muhurat Trading 2024: कब होगा शेयर बाजार में दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, NSE ने किया स्पष्ट

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

આગળનો લેખ
Show comments