Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

कैसे प्रारंभ हुई शाही स्नान की परंपरा

अनिरुद्ध जोशी
वैष्णव और शैव संप्रदाय के झगड़े प्राचीनकाल से ही चलते आ रहे हैं, हालांकि कभी कुंभ में स्नान को लेकर संघर्ष नहीं हुआ। लेकिन जब से अखाड़ों का निर्माण हुआ है तब से कुंभ में शाही स्नान को लेकर संघर्ष भी शुरू होने लगा। एक वक्त ऐसा भी आया कि शाही स्नान के वक्त तमाम अखा़ड़ों एवं साधुओं के संप्रदायों के बीच मामूली कहासुनी भी खूनी संघर्ष का रूप लेने लगी थी।
 
 
ऐसी मान्यता है कि शाही स्नान की परंपरा सदियों पुरानी है। शाही स्नान की परंपरा की शुरुआत 14वीं से 16वीं सदी के बीच हुई थी। यह वह दौर था जबकि भारत के एक बहुत बड़े भू-भाग पर मुगलों का शासन था। साधुओं ने अपनी और धर्म की रक्षार्थ अखाड़ों में एकजुट होकर मंदिर और मठों की रक्षा की। उस काल में साधु उनसे उग्र होकर संघर्ष करने लगे थे।
 
ऐसे में बाद में शासकों ने साधुओं के साथ बैठक करके उनके काम और झंडे का बंटवारा किया। इसके बाद कहीं भी कुंभ मेले का आयोजन होता था तो ऐसे में साधुओं को सम्मान देने के लिए उन्हें पहले स्नान का अवसर दिया जाने लगा, जिसके चलते पेशवाई निकलने की परंपरा के साथ ही साधुओं के सम्मान में राजशाही तरीके से ही स्नान भी कराया जाने लगा। इसीलिए मुख्‍य तिथियों को होने वाले स्नान को शाही स्नान कहा जाने लगा।
 
बाद में पहले कौनसा अखाड़ा शाही स्नान करे इसके लिए भी विवाद होने लगा। फिर शाही स्नान को लेकर भी अखाड़ों में संघर्ष होने लगा था। कई बार यह संघर्ष इतना बढ़ जाता था कि हथियारबद्ध साधु एक-दूसरे को मारने लगते थे। ये घटनाएं ज्यादातर 13वीं से 18वीं शताब्दी के बीच घटी थीं। इसके बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का जब शासन हुआ तो सभी अखाड़ों के स्नान का क्रम का निर्धारित किया गया। कहते हैं कि आज भी उसी क्रम में शाही स्नान किया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Muhurat Trading 2024: कब होगा शेयर बाजार में दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, NSE ने किया स्पष्ट

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

આગળનો લેખ
Show comments