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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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ये 10 खोटे कर्म करेंगे तो जल्द हो जाएंगे बर्बाद

ये 10 खोटे कर्म करेंगे तो जल्द हो जाएंगे बर्बाद

अनिरुद्ध जोशी

कभी ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति रातोंरात बर्बाद हो जाता है तो कोई धीरे-धीरे बर्बाद होता जाता है। हालांकि जो लोग रातोंरात बर्बाद हो जाते हैं उसके पीछे का सत्य जानेंगे तो समझ में आएगा कि उन्होंने पहले कुछ ऐसे कर्म किए थे जिसके चलते अचानक उन पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा। कर्म हमारा बीज है, जो बोएंगे, वही देर सवेर काटेगें।
 
बुरे कर्मों को आम भाषा में खोटे कर्म कहते हैं। हम अपनी जिंदगी में जाने-अनजाने ऐसा काम करने रहते हैं जिसके दुष्परिणाम बाद में निकलते हैं या कभी भी अचानक से सामने आ जाते हैं। तो आओ जानते हैं कि ऐसा कौन से कार्य हैं जिसके चलते आपको बाद में पछताने का मौक भी नहीं मिलता है। जिन्होंने पूरी जिंदगी खोटे कर्म किए हैं उन्हें यम के भयानक दूत दिखाई देते हैं।

भोजन : बासी भोजन करना, दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना, भोजन के दौरान और बाद में पानी पीना, थाली में ही हाथ धोना, भोजन की नींदा करना, टूटी हुई थाली में भोजन करना आदि ऐसे कई काम है जो आपको गंभीर रोग और शोक में धकेल सकते हैं।
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इसके अलावा अधिकतर समय अकेले ही भोजन करना, भोजन करते करते उठकर दूसरा काम करना और फिर से भोजन करने लगना। खाने में नमक कम है, तीखा ज्यादा है या फिर अच्छा ही नहीं बना आदि कमियां निकालना भी उचित नहीं है इसके। उपरोक्त नियमों का पालन नहीं करने से बवासीर, कब्ज, कैंसर और अल्सर जैसे रोग तो होते ही है साथ ही व्यक्ति के घर की बरकत भी चली जाती है।

नींद : आप जितना जागते हैं उतना ही सोएं। आप कम सोते और ज्यादा जागते हैं तो संतुलन बिगड़ता है। हालांकि यदि आप प्रात: काल जल्दी उठकर कसरत करते हैं तो आपके लिए 4 घंटे की नींद ही पर्याप्त है। नींद का गणित समझे बगैर देर तक जागना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन इससे भी जरूरी कुछ है...
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टूटे हुए पलंग पर सोने, पैर पर पैर रखकर सोने या दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से आपकी उम्र ही नहीं आपके भविष्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता ह। इसके अलावा ब‌िना पैर धोए ब‌िस्‍तर पर जाना और देर रात तक जगना उम्र को घटाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोना शरीर को रोगी बनाता है और उम्र को कम करता है। इसी तरह भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार द्वार के सामने पांव करके भी नहीं सोना चाह‌िए। 

केश कर्तन : मंगल और शन‌िवार के द‌िन बाल कटवाना, बाल कटवाने के बाद स्नान नहीं करना, घर में ही बाल काट लेना, लंबी दाढ़ी और बाल रखना, बालों में नियमित तेल नहीं लगाना, बाल नोंचना, बाल हाथों से ही तोड़ना आदि ऐसे कई खोटे लक्षण हैं जिससे उम्र कम होती है।
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अक्सर लोग चंदन का लेप चेहरे पर लगाती हैं, लेकिन यदि यही लेप आप बिना स्नान से पहले लगाते हैं तो इससे आपकी जिंदगी के कई साल कम हो जाते हैं। यदि बालों पर तेल लगाने के बाद वही हाथ हमारे किसी भी अन्य शारीरिक अंग को छू लें, तो ऐसे में हमारी उम्र कम हो जाती है।

वस्त्र : अक्सर लोग रात में अपने वस्‍त्र धोकर बाहर सूखने के लिए डाल देने हैं जोकि वास्तु के नियमों के विरूद्ध है। इससे व्यक्ति को रोग तो उत्पन्न होते ही हैं दूसरी ओर सूबह सूखने वाले कपड़े पहनने से उसे अचानक विपत्ति का सामना भी करना पड़ सकता है।
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हालांकि इसमें से पहली बात को तो माना ही जा सकता है। दूसरी ओर जो दूसरों से वस्त्र मांगकर पहनता है। दूसरों से अन्न मांगकर खाता है और हर कहीं का जल बगैर जांचे ग्रहण करता रहता है उसकी उम्र घटती जाती है।

शौचादि : मूत्र, शौच, छींक, पाद और बगासी को रोकना घातक है। खुले में या खड़े होकर पेशाब करते हैं तो यह तरीका आपकी उम्र कम करने के लिए भी जिम्मेदार है। यदि आप घास के ढेर पर या फिर कंकाल पर बैठते हैं, तो आपकी मृत्यु नजदीक मानी जाती है।
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शौच का स्थान और शौच करने की दिशा भी नियुक्त है उसी का पालन करें। इसके अलावा जो व्यक्ति नाखून चबाता है या फिर स्वयं को दूषित रखता है, स्वयं की सफाई का ध्यान नहीं रखता, ऐसे व्यक्ति की उम्र कम होती चली जाती है।
 
हालांकि उपरोक्त से भी खराब बात यह है कि यदि आप नदी के किनारे, पूल के उपर, खेत की मेड़ पर, किसी सिद्ध स्थान या पाल्या महाराज के पास मूत्रादि का त्याग करते हैं तो आप भारी मुसिबत में पड़ सकते हैं।

संभोगादि : अति संभोग करना, द‌िन के समय ही समागम करना या मंगलवार को सामगम करने से व्यक्ति की उम्र तो घटती ही है साथ ही उसे गंभीर रोग भी उत्पन्न हो सकेत हैं। मंगलवार को संभोग करने से उसको अपने जीवन में अचानक किसी शोक का सामना करना पड़ सकता है।  कहते हैं अत्यंत भोगी, विलासी और कामवासना में ही लिप्त रहने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे मौत के मुंह में स्वत: ही चला जाता है।  
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बहुत से लोग संभोग करने के अलावा इसी तरह की बातें करते, फिल्म देखते या कल्पनाएं करते रहते हैं। यह उनके उम्र और सेहत के लिए तो खतरनाक होता ही है साथ ही इस तरह की सोच की आदत बना लेने से वे कभी ‍भी किसी भी प्रकार की मुसिबत में फंस सकते हैं। ऐसी गंदी सोच के दुष्परिणाम ही झेलने होते हैं।

अंगुली या गर्दन चटकाना : कई लोगों की आदत होती है कि वे अपनी अंगुलियां या गर्दन की हड्डी को चटकाते रहते हैं। इस खोड़ले लक्षण कहते हैं। इससे जहां उम्र कम होती है वहीं इससे दरिद्रता बढ़ती जाती है। वास्तव में कुछ लोग हर थोड़ी देर बाद जोर-जोर से अपनी अंगुलियां चटकाते रहते हैं। वास्तव में लंबे समय तक अंगुलियां चटकाने से आपको बुखार, जोड़ों में दर्द जैसी बीमारी हो सकती है। बुढ़ापे में अंगुलिया हिलने लगती है अर्थात उनकी किसी भी चींज को पकड़ने की शक्ति का पतन हो जाता है।
हड्डी बजाना : इसे हड्डी तोड़ना, चटकाना या कटकाना भी कहते हैं। अक्सर लोग अपनी अंगुलियों की हड्डियों को चटकाते हैं जिसे खोड़ले लक्षण कहते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने वाले के हाथों से लक्ष्मी चली जाती है।  अब लक्ष्मी जाती है या नहीं यह तो नहीं मालूम लेकिन कई लोगों को अपने शरीर के हर जगह की हड्डी चटकाने की आदत होती है जिसके चलते एक दिन सभी ज्वाइंट ढीले पड़ जाते हैं और बुढ़ापे में उसकी शक्ति कम हो जाती है। फिर हाथों की अंगुलियों से चाय का कप पकड़ने पर वह हिलेगा।

नशा करना : किसी भी प्रकार का नशा करने से सुख, समृद्धि और सेहत सभी एक समय बाद नष्ट हो जाती है। आप कितने ही धनवान हो लेकिन यदि आप लगातर नशा कर रहे हैं तो निश्चित ही इससे आपके कुल परिवार का बिखराव होता जाएगा। आपकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी। ऐसा कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे जिनके पास सबकुछ था लेकिन वे बर्बाद हो गए।
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कई लोगों को देखा गया है कि मोकेझोके पर जंगल में या खुले आकाश के नीचे कहीं भी सूनसान इलाके में वे शराब पीने के लिए इकट्ठे होते हैं। उनकी ये आदत कभी भी भारी पड़ सकती है। इसके जब दुष्परिणाम निकलते हैं तब समझ में आती है। ज्योतिष अनुसार ऐसे स्थानों पर भोजनआदि करने से राहू और केतु का प्रकोप बढ़ जाता है तो वास्तु के अनुसार बरकत चली जाती है। लेकिन एक मान्यता अनुसार भूत-प्रेत सक्रिय होकर आपके जीवन में तूफान खड़ा कर देते हैं।
 
होली, रंगमंचमी आदि कुछ त्योहारों पर लोग शराब पीते हैं। यह भी देखा गया है कि नवरात्रि और दीपावली के पवित्र दिनों भी लोग अब पीने लगे हैं जोकि पापकर्म के समान ही है। पीने के लिए आपके पास और भी दिन हो सकते हैं लेकिन पर्व, त्योहार और व्रतों के दिन पीने के परिणाम भी भुगतने होते हैं।

तांत्रिक या वाम कर्म : ऐसा कई लोग हैं तो जल्दी सफलता पाने या किसी को प्रभावित करने के लिए तंत्र आदि का सहरा लेते हैं। वे किसी तांत्रिक या पीर फकीर के यहां जाते हैं। ऐसा लोग बाद में अपने किए पर पछताते हैं।
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तुलसीदासजी ने रामचरित मानस में लिखा है कि यह सभी कोलमार्गी (तांत्रिक, अघोर, बाबा आदि) है जो धर्म विरूद्ध हैं। कौल या वाम का अर्थ यह कि जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले। जो संसार की हर बात के पीछे नकारात्मकता खोज ले और जो नियमों, परंपराओं और लोक व्यवहार का घोर विरोधी हो, वह वाममार्गी है।

ऐसा काम करने वाले लोग समाज को दूषित ही करते हैं। यह लोग उस मुर्दे के समान है जिसके संपर्क में आने पर कोई भी मुर्दा बन जाता है। वामपंथ देश, समाज और धर्म के लिए घातक है।

सीटी बजाने का मतलब संकट को बुलाना :  ऐसा कहते हैं कि घर में या रात में सीटी नहीं बजाना चाहिए। इससे एक ओर जहां धन की हानि होती हैं वहीं आप किसी अंजान संकट को भी बुलावा देने हैं। यह भी माना जाता है कि रात में सीटी बजाने से बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं।   हालांकि यह धारणा जापान से भारत में प्रचलित हो गई है।
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भारत में रात में सीटी बजाना अशुभ एवं सांप को बुलाने वाला माना जाता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सीटी बजाने से भैरव और शनिदेव रुष्ठ हो जाते हैं। अब इसमें कितनी सत्यता है यह तो हम नहीं जानते।  

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