Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

51 Shaktipeeth : बहुला चंडिका केतुग्राम पश्‍चिम बंगाल शक्तिपीठ-26

51 Shaktipeeth : बहुला चंडिका केतुग्राम पश्‍चिम बंगाल शक्तिपीठ-26

अनिरुद्ध जोशी

देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार बहुला चंडिका केतुग्राम पश्‍चिम बंगाल शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
12.बहुला- बहुला (चंडिका) : भारतीय प्रदेश पश्चिम बंगाल से वर्धमान जिला से 8 किमी दूर कटआ के पास केतुग्राम के निकट अजेय नदी तट पर स्थित बाहुल स्थान पर माता का बायां हाथ या भुजा गिरा था। इसकी शक्ति है देवी बाहुला और भैरव को भीरुक कहते हैं। केतुग्राम के देवत्व की अध्यक्षता करने वाली देवी बाहुला को कार्तिक और गणेश के रूप में देखा जाता है।
 
हावड़ा से 145 किलोमीटर दूर पूर्वी रेलवे के नवद्वीप धाम से 41 किलोमीटर दूर कटवा जंक्शन से पश्चिम की ओर 'केतुग्राम' या 'केतु ब्रह्म गांव' में स्थित है। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा वर्धमान है, जबकि यहां का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा कोलकाता में है। कटवा या कटुवा से कोलकाता लगभग 190 किलोमीटर, कटुआ से केतुग्राम 30 किलोमीटर दूर है। कोलकाता से कृष्णानगर, कृष्‍णानगर से देवग्राम होते हुए भी कटवा पहुंच सकते हैं। कटवा वर्धमान से 56 किलोमीटर दूर है।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

51 Shaktipeeth : विरजा- विमला विरजाक्षेत्र जगन्नाथ पुरी शक्तिपीठ-25