Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चातुर्मास : मांगलिक कार्य 'नहीं', धार्मिक कार्य 'सही'

आचार्य राजेश कुमार
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी का पर्व मनाने के साथ ही चातुर्मास की शुरुआत हो चुकी है। चातुर्मास का प्रारंभ 15 जुलाई से हुआ है जो 16 नवंबर तक रहेगा। यानी चार महीने तक विवाह व मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। 4 महीने तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 
 
चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं और धार्मिक कार्यों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। चातुर्मास के अंतर्गत सावन, भादौ, अश्विन व कार्तिक मास आता है। 

ALSO READ: हिन्दू धर्म क्यों सर्वश्रेष्ठ, जानिए 5 रहस्य
 
माना जाता है कि इस दौरान भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में चातुर्मास के दौरान कई नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है और उन नियमों का पालन करने से मिलने वाले फलों का भी वर्णन किया गया है। चतुर्मास एक ऐसा विशिष्ट अवसर है, जिसमें हम स्वाद ज्ञानेन्द्रिय व कामेन्द्रिय पर नियंत्रण रखकर आध्यात्मिक ऊर्जा का भरपूर लाभ लेकर तन-मन से स्वस्थ्य रह सकते हैं। यह काल देवशयनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर देवोत्थानी एकादशी कार्तिक शुक्ल एकादशी पर समाप्त होता है। 
 
इन चार मास तक करेंगे भगवान विष्णु अनंत शैया पर विश्राम :
 
पुराणों में उल्लेख है कि इन दिनों में विश्व के पालन कर्ता चार मास तक पाताल लोक में क्षीरसागर की अनंत शैय्या पर शयन करते हैं। इसलिए इन दिनों में कोई धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। इन दिनों तपस्वी एक स्थान पर रहकर ही जप-तप करते हैं। धार्मिक यात्राओं में सिर्फ ब्रज की यात्रा की जा सकती है। ब्रज के विषय में ऐसी मान्यता है कि इस काल में सभी देवता ब्रज में ही निवास करते हैं। केवल गणेश चतुर्थी के समय और नवरात्र के नव दिनों में भूमि-पूजन, गृह-प्रवेश व सगाई आदि कार्य हो सकता हैं। 
 
यह कार्य हैं वर्जित :
इन 4 माह में विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं। इस व्रत में दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता। श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल आदि का त्याग कर दिया जाता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि इन दिनों में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं और धार्मिक कार्य सही होते हैं। 

ALSO READ: हिन्दू धर्म के ये 10 चित्र देखिए और जानिए कुछ अलग

 
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

दिवाली की रात में करें ये 7 अचूक उपाय तो हो जाएंगे मालामाल, मिलेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

धर्म संसार

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Kali chaudas 2024: नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं भूत चौदस, किसकी होती है पूजा?

Bach Baras 2024: गोवत्स द्वादशी क्यों मनाते हैं, क्या कथा है?

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कैसे मनाया जाता है?

આગળનો લેખ
Show comments