Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

क्या नेपाल में आए भूकंप से सिक्किम में मची तबाही? वैज्ञानिक लगाएंगे पता

Webdunia
गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023 (00:04 IST)
वैज्ञानिक इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या मंगलवार को नेपाल और उसके आस-पास के क्षेत्र में आया जोरदार भूकंप ही सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने और तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ की असली वजह है?
 
झील पर बादल के फटने से चुंगथांग बांध भी बह गया, जो राज्य की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। यह 1,200 मेगावाट तीस्ता चरण तीन जलविद्युत परियोजना का हिस्सा है जिसमें राज्य सरकार प्रमुख रूप से हितधारक है।
 
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद 8 लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत 69 लोग लापता हो गए।
 
हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा जारी उपग्रह चित्रों से पता चला है कि दक्षिणी ल्होनक झील का क्षेत्रफल, 17 सितंबर की तुलना में 100 हेक्टेयर से अधिक कम हो गया है। यह दर्शाता है कि झील पर बादल के फटने से उत्तरी सिक्किम में तीस्ता नदी बेसिन में अचानक बाढ़ आ गई।
 
अधिकारियों के मुताबिक इस घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मियों समेत 69 लोग लापता हैं।
 
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेपाल में आया भूकंप सिक्किम में अचानक आई बाढ़ का कारण हो सकता है। झील पहले से ही असुरक्षित थी और 168 हेक्टेयर में फैली हुई थी। इसका क्षेत्रफल अब कम होकर 60 हेक्टेयर हो गया है।
 
अधिकारी ने कहा कि हालांकि अभी यह पता लगाना मुश्किल है लेकिन बादल फटने से ऐसे नतीजे नहीं आते। 
 
घटनास्थल पर गए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के कारण वहां बाढ़ आई होगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चेतावनी बांग्लादेश के साथ भी साझा की गई है।
 
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) उपग्रह इमेजरी से पता चला कि झील लगभग 162.7 हेक्टेयर में फैली हुई थी। 28 सितंबर को इसका क्षेत्रफल बढ़कर 167.4 हेक्टेयर हो गया और भारी गिरावट के साथ 60.3 हेक्टेयर रह गया।
 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख केंद्रों में से एक राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जल निकाय पर अस्थायी उपग्रह चित्र (पहले और बाद) प्राप्त करके सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने के बारे में एक उपग्रह-आधारित अध्ययन किया है।
 
इसरो ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि यह देखा गया है कि झील पर बादल फटा और लगभग 105 हेक्टेयर क्षेत्र का पानी बह गया (28 सितंबर 2023 की छवि बनाम 04 अक्टूबर 2023) जिससे नीचे की ओर अचानक बाढ़ आ गई होगी।’’
 
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह उपग्रह डेटा का उपयोग करके झील की आगे भी निगरानी जारी रखेगी। भाषा  Edited by:  Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लिया जाना पड़ा महंगा, पंजाब पुलिस के 7 कर्मी निलंबित

राष्ट्रपति मुर्मू ने रायपुर के जगन्नाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना

राजस्थान के करौली में नायब तहसीलदार का शव पेड़ से लटका मिला

गुलमर्ग हमले में आतंकियों ने पहली बार किया था रॉकेट का इस्‍तेमाल

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार, AQI 270 दर्ज

આગળનો લેખ
Show comments