मुंबई। महाराष्ट्र में लगातार बढ़कर आ रहे कोरोनावायरस के मामलों ने सरकार की नींद उड़ा दी है। एक बार फिर राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 15000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दूसरी ओर, संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अकोला में लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गय है। नागपुर में पहले ही लॉकडाउन लगाया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 15 हजार 817 नए मामले सामने आए हैं और इस अवधि में 56 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। चिंता की बात यह है कि वर्ष 2021 में महाराष्ट्र में एक दिन में दर्ज किए गए कोरोना के मामलों की सबसे बड़ी संख्या है।
हालांकि थोड़ी राहत की बात यह रही कि राज्य में शु्क्रवार को 11 हजार 344 मरीज डिस्चार्ज हुए। इसके साथ ही महाराष्ट्र में रिकवरी रेट 92.79 फीसदी पहुंच गया है।
महाराष्ट्र के 36 जिलों में से 10 से ज्यादा जिले कोरोना की बुरी तरह चेपट हैं। हालात यह हैं कि 8 जिलों में कर्फ्यू, लॉकडाउन और कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
पुणे में एक दिन में 1805 रोगियों की वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं मुंबई में एक दिन में 1646 नए मरीज सामने आए हैं तथा 4 लोगों की मौत हुई है। पनवेल नगर निगम क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। कर्फ्यू 21 मार्च तक लागू रहेगा।
जिन जिलों में कर्फ्यू या लॉकडाउन लगाया गया है, उनमें पुणे, अमरावती, अहमदनगर, जलगांव, परभणी, नांदेड़, औरंगाबाद, अकोला, नागपुर, नवी मुंबई, मुंबई आदि शामिल हैं। इन जिलों में प्रशासन ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। मास्क नहीं पहनने पर फाइन लगाने की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्य सचिव ने लिया स्थिति का जायजा : इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जिला प्रशासन को टेस्ट बढ़ाने और कंटेनमेंट क्षेत्र के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही प्रतिबंधों को भी प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया।
इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की की बढ़ती संख्या के चलते मुख्य सचिव कुंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला आयुक्त, जिला आयुक्त के प्रभागीय आयुक्त, कलेक्टर आदि के साथ बातचीत कर रहे हैं।
कुंटे ने निर्देश दिया कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की दर अधिक है, वहां टीकाकरण बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्टॉक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। टीकाकरण अभियान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और टीकाकरण की समीक्षा करें और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।