कोटा (राजस्थान)। एक ओर जहां कश्मीर के युवाओं पर पत्थरबाज होने का कलंक लगता है वहीं दूसरी ओर घाटी के कई युवा आंखों में सपने लिए कोटा की राह पर निकल पड़े हैं ताकि यहां की कोचिंग क्लासेस से मार्गदर्शन लेकर डॉक्टर या इंजीनियर जैसे कोई पेशेवर बन सकें।
एक अनुमान के मुताबिक कोचिंग सेंटरों के केंद्र कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में कश्मीर के 1,000 से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं जिनमें से 300 से अधिक लड़कियां हैं। एलन करियर इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी के मुताबिक घाटी के करीब 850 छात्रों ने उनके संस्थान में दाखिला लिया है और वह विभिन्न राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता पाने के प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह गौरव और खुशी की बात है कि कश्मीर से हर साल कोटा आने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है और हमने यहां पढ़ाई के लिए सर्वश्रेष्ठ माहौल मुहैया करवाने का संकल्प लिया है। माहेश्वरी ने बताया कि इन छात्रों में से करीब 500 नीट, जेईई-मेन्स और एडवांस में बैठे।
इनमें से करीब 200 काउंसलिंग के चरण तक पहुंचे। कश्मीर के बारामूला के रहने वाले सैयद कामरान गिलानी कहते हैं कि नीट में सफलता से वह बहुत खुश हैं। वह कहते हैं कि कश्मीर में तनाव के बीच पढ़ाई के लिए उपयुक्त माहौल नहीं मिल पाता जबकि कोटा में शिक्षा और प्रतिस्पर्धा का स्वस्थ माहौल है।
कुलगाम से आए औवेस शाह ह्रदयरोग विशेषज्ञ बनना चाहते हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इस तरह नीट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बड़गाम के मोहम्मद मुंतजीर मंजूर भी चिकित्सा पेशे में जाना चाहते हैं। मौसम में अंतर, भाषा में बदलाव समेत कई चुनौतियों का सामना करते हुए भी जम्मू-कश्मीर के अनेक छात्र कोटा में अपने लक्ष्य पर नजर टिकाए मेहनत कर रहे हैं। (भाषा)