Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कश्मीर में बाढ़, लोगों को घर छोड़ने को तैयार रहने को कहा

कश्मीर में बाढ़, लोगों को घर छोड़ने को तैयार रहने को कहा
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में बारिश ने कहर बरपाया है। कश्मीर में बाढ़ आ गई है। लोगों को घर छोड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बारिश से अमरनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है। बारिश के चलते जम्मू संभाग में 3 लोगों की मौत भी हो गई।


कश्मीर में हो रही लगातार बारिश के कारण शुक्रवार को रोकी गई अमरनाथ यात्रा एक बार फिर शुरू कर दी गई। पर यह अभी हिचकोले खा रही थी। दरअसल खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण यात्रा का मार्ग अवरुद्ध हो गया था जिस कारण शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी।

श्रद्धालुओं का चौथा जत्था भी जम्मू बेस कैंप पहुंच चुका है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इससे पहले श्रद्धालुओं से कहा गया था कि वे उत्तरी कश्मीर में बालटाल शिविर या दक्षिण कश्मीर के पहलगाम आधार शिविर से आगे ना जाएं। भारत-तिब्बत सीमा बल के जवान रास्तों को सहीं कर रहे हैं और श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं।

कुछ यात्री तीर्थयात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल कई स्थानों पर भूस्खलन होने से मार्ग अवरूद्ध हो गया था। राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बाढ़ की वजह से अमरनाथ यात्रा के दो आधार शिविरों बालटाल और अनंतनाग जिले के पहलगाम में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए थे। घाटी की कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो अगले एक-दो दिनों में राज्य में और भारी बारिश हो सकती है।

जम्मू इलाके में तीन लोगों की मौत : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पस्सियां (पत्थर) गिरने से 10 घंटे बंद रहा। इसके कारण अमरनाथ यात्रियों समेत सैकड़ों वाहन फंस गए। मुगल रोड व सोनमर्ग-लेह मार्ग को बंद कर दिया गया है। दक्षिणी कश्मीर के वीशू नाले पर बने पांच छोटे पुल बह गए हैं। किश्तवाड़ में पेड़ गिरने से कठुआ निवासी जमीला बेगम (30) की मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी नाजिया बानो (6)को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जम्मू के ज्योडियां में नाथल खड में हरबंश लाल नाम के युवक की नाले में बहने से मौत हो गई। पुंछ में सूरन नदी से अज्ञात शव मिला है।

झेलम खतरे के निशान से ऊपर : बारिश के चलते कश्मीर डिवीजन के सभी स्कूलों को शनिवार को बंद रखा गया। दक्षिणी कश्मीर में झेलम नदी संगम के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं श्रीनगर के राम मुंशीबाग और उत्तर कश्मीर के अशाम में झेलम खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। श्रीनगर पुलिस ने खतरे को देखते हुए विशेष रेस्क्यू टीम को कई जगहों पर तैनात कर दिया है।

पुलिस ने इसके लिए 40 पुलिस टीम को मोर्चा संभालने के लिए तैनात किया है। इसके साथ ही पुलिस लोगों की मदद के लिए लगातार प्रशासन के साथ संपर्क में है। वहीं बचाव व राहत के लिए रामबाग, सनत नगर, गोरी पोरा, हमहमा, रावलपोरा और सोनवार में राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं। इससे पहले पहलगाम और बालटाल दोनों ही मार्गों पर आज खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा रोकनी पड़ी थी।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि दोनों ही मार्गों पर यात्रा रोकनी पड़ी क्योंकि वर्षा के चलते रास्ते में फिसलन हो गई थी। उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को पैदल गुफा मंदिर की ओर बढ़ने नहीं दिया जा रहा था। गत 27 जून से ही रुक रुककर हो रही मानसूनी वर्षा के चलते दक्षिण और मध्य कश्मीर के साथ ही राज्य के कई अन्य हिस्सों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके चलते अमरनाथ यात्रा के दो आधार शिविरों गंदेरबल जिला स्थित बालटाल और अनंतनाग जिले के पहलगाम में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।

कई स्थानों पर भूस्खलन : वर्षा से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल कई स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं और पत्थर गिरे हैं। यद्यपि प्राधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाली 300 किलोमीटर लंबी यह सड़क खुली रहे। अधिकारियों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्से से पांच हजार से अधिक तीर्थयात्री यात्रा में हिस्सा लेने के लिए जम्मू पहुंच गए हैं।

लगातार वर्षा के बावजूद दक्षिण कश्मीर में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए यात्रा 28 जून को तय समय से कई घंटे के विलंब से शुरू हुई। यद्यपि लगातार वर्ष के के चलते यात्रा में बार बार व्यवधान आया। 60 दिवसीय यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन का त्योहार भी है।

4000 यात्री बिना दर्शन लौटे : पुलिस सूत्रों ने बताया कि लगातार मौसम खराब रहने के कारण करीब 4,000 यात्री बिना दर्शन किए लौट गए हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस बीच पहले से रवाना हुए 1287 श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। पिछले दो दिन में 2,294 शिवभक्त बाबा के दर्शन कर चुके हैं।

इस बीच दूसरे दिन लगातार बारिश के चलते श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने बैटरी कार मार्ग शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था और बैटरी कार सेवा स्थगित कर दी गई। वर्तमान में श्रद्धालु पुराने पारंपरिक मार्ग के साथ ही नए ताराकोट मार्ग से भवन की ओर आ-जा रहे हैं। इसके साथ ही शुक्रवार को आसमान व त्रिकूट पर्वत पर छाए घने बादलों के कारण दिन में अधिकाश समय हेलीकॉप्टर सेवा भी प्रभावित हुई।

श्रद्धालुओं को पैदल या फिर घोड़ा, पिट्ठू, पालकी आदि कर भवन की ओर आना-जाना पड़ा। श्राइन बोर्ड के अनुसार शनिवार को पूरे मार्ग का जायजा लेने के बाद भी उसे खोला नहीं गया था। लगातार बिगड़े मौसम को लेकर मां वैष्णो देवी के सभी मार्गों पर आपदा प्रबंधन दल के साथ ही श्राइन बोर्ड कर्मियों की टीमों की तैनाती कर दी गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मंदसौर रेपकांड, मासूम की हालत में सुधार, हर जिम्मेदारी उठाएगी सरकार