लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटों में वर्षा जनित हादसों में 14 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही पिछले एक सप्ताह में ऐसे हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है।
मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के सारे सरकारी दावों पर पानी फेरते हुए यमुना, गंगा, घाघरा और सरयू का जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बस्ती के करीब 40 गांव को बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
बनबसा और हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े छोड़े जाने और हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बारिश के कारण गोंडा के करनैलगंज के नैपुरा, परसावल सहित चरपुरवा गांवों में पानी घुस गया है। घाघरा नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ने से बांध के निचले इलाकों में बसे गांवों में अफरा-तफरी मची है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज सुबह 11 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में सूबे के विभिन्न हिस्सों में हुए वर्षाजनित हादसों में 14 लोगों की मौत हो गई है जबकि सात अन्य लोग जख्मी हो गए।
उन्होंने बताया कि इस दौरान फरूखाबाद और बहराइच में दो-दो लोगों की मौत हुई है लखीमपुर खीरी, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर देहात, बाराबंकी, सीतापुर और सुल्तानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह वर्षाजनित हादसों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 106 पहुंच गई है।
सीएम योगी ने दिए यह निर्देश : इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में भारी बारिश के कारण उपजे हालात से आम लोगों को राहत दिलाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने पिछले करीब पांच दिनों से प्रदेश में हो रही बारिश के चलते जगह-जगह उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराते हुए बचाव कार्य किए जाएं।
योगी ने कहा कि कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मुहैया कराते हुए उनके लिए पेयजल की भी व्यवस्था की जाए। (भाषा)