लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
मौसम विभाग ने राज्य के पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगामी 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। गत 26 जुलाई से शुरू हुई बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। मंगलवार को बारिश बाराबंकी, हरदोई, कानपुर तथा लखनऊ में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। पिछले 24 घंटे के दौरान लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, कानपुर, समेत कई जिलों में भारी बारिश होने की सूचना है।
लखनऊ में लगातार दो दिन से हो रही बारिश के कारण इंदिरानगर, डॉलीगंज, गोमतीनगर, जानकीपुरम, आलमबाग, राजाजीपुरम के अलावा पुराने लखनऊ के अधिकांश क्षेत्र में जलभराव है। बारिश का पानी लोगों के घरों में भर गया जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के सारे सरकारी दावों पर पानी फेरते हुए यमुना, गंगा, घाघरा और सरयू का जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बस्ती के करीब 40 गांव को बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
बनबसा और हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े छोड़े जाने और हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बारिश के कारण गोंडा के करनैलगंज के नैपुरा, परसावल सहित चरपुरवा गांवों में पानी घुस गया है। घाघरा नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ने से बांध के निचले इलाकों में बसे गांवों में अफरा-तफरी मची है।
बाराबंकी जिले के परसावल, नैपुरा एवं चरपुरवा गांवो में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया जिससे इन गांवों के करीब 40 से अधिक परिवारों को बांध पर शरण लेनी पड़ी। अयोध्या में सरयू भी खतरे के निशान को पार कर गई है। तटीय गांव के लोग सरयू के विकराल रूप से खौफजदा है। महेशपुर, दुर्गागंज, जैतपुर, तुलसीपुर, साकीपुर, दत्त नगर, गोकुला, इन्दरपुर के लोगों की नजरे उफनाई सरयू पर टिकी है।
लखनऊ में स्कूल बंद : राजधानी लखनऊ में हो रही लगातार बारिश के चलते जिला प्रशासन के आदेश पर मंगलवार को सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल बंद रहे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि लखनऊ में हो रही भारी बारिश के चलते प्रशासन ने 31 जुलाई को सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उधर, प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पांडेय ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेश में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर लोगों के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जर्जर भवनों का चिन्हित करके उनमें रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उन्हें खाली करा लिया जाए, जिससे जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने बाढ़ चौकियों तथा जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर 24 घंटे सातों दिन बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित कराकर संपर्क नंबरों को व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाए।
उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा से प्रभावित परिवारों को राज्य आपदा मोचन निधि के मानकों के अनुसार 24 घंटे घंटे के भीतर सहायता पीड़ित परिवार को आरटीजीएस के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित कराया जाए।
92 की मौत, 470 मकान क्षतिग्रस्त : राज्य के राहत आयुक्त, संजय कुमार के अनुसार वर्षाजनित हादसों में पिछले पांच दिन में अब तक प्रदेश में कुल 92 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 96 से अधिक लोगों घायल होने की सूचना है। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान 40 से अधिक पशुओं की भी मृत्यु हुई है जबकि 470 कच्चे-पक्के मकान एवं झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।
कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा इन आपदाओं से पीड़ित मृतक परिजन को चार लाख रुपए, घायल को 59,100 तक तथा कच्चे-पक्के मकान की पूर्ण क्षति पर 95,100 एवं आंशिक क्षति में 5200 रुपए तथा नष्ट झोपड़ी के लिए 4100 रुपए राहत राशि प्रदान की जाती है।