Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

प्रयागराज में कुंभ का पहला शाही स्नान, कड़कड़ाती ठंड पर आस्था रही भारी, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

Webdunia
मंगलवार, 15 जनवरी 2019 (09:42 IST)
कुंभनगर। उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयाग में मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान के साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार तड़के कुंभ शुरू हो गया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में कड़कती ठंड पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ी। श्रद्धालुओं ने मध्यरात्रि के बाद से ही संगम में स्नान शुरु कर दिया।

मकर संक्रांति पर अखाड़ों के नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ ही कुम्भ मेला मंगलवार से प्रारंभ हो गया। कड़कड़ाती ठंड में सुबह पांच बज कर करीब 45 मिनट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और पंचायती अटल अखाड़ा के नागा साधु-सन्यासी अपने लाव-लश्कर के साथ संगम पहुंचे और संगम में डुबकी लगाई।
 
अटल अखाड़ा के बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के नागा साधु संतों से शाही स्नान किया। निरंजनी अखाड़े में सोमवार को महामंडलेश्वर बनीं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने भी शाही स्नान किया।
 
नागा सन्यासियों का शाही स्नान देखने भारी तादाद में लोग संगम क्षेत्र में मौजूद थे। साधु-संतों की टोली के आगे घोड़े पर सवार पुलिसकर्मी थे और मार्ग के दोनों तरफ पुलिस लोगों की भीड़ को नियंत्रित कर रही थी।
 
आनंद अखाड़ा के शाही स्नान के बाद नागा साधुओं के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के साधु सन्यासियों ने शाही स्नान किया। जूना अखाड़ा में सैकड़ों की संख्या में नागा साधु सन्यासी शामिल थे और इस अखाड़े का लश्कर सबसे बड़ा था।
 
जूना अखाड़े के लश्कर में नागा साधुओं के पीछे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का रथ था और इनके पीछे जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विश्वंभर भारती जी महाराज का रथ था।
 
सभी अखाड़ों को बारी-बारी से स्नान के लिए आधे से पौन घंटे का समय दिया गया था। सुबह का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने के बावजूद बड़ी तादाद में लोग गंगा और संगम में डुबकी लगा रहे थे जिसमें बुजुर्ग भी शामिल थे।
 
मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 7 बजे तक करीब 12 लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। वहीं 11 बजे तक यह आंकड़ा 67 लाख पहुंच गया। दिन में धूप खिलने से पवित्र संगम में स्नान करने वालों की संख्या शाम तक एक करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है।
 
मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि अखाड़ों के सानिंध्य में आज शाही स्नान की परंपरा संपन्न हो रही है। यहां सुरक्षा और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की गई है। सभी श्रद्धालुओं को साधु संतों के अच्छे से दर्शन हों, हमने यह प्रयास किया है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर कहलाता है श्रीपुरम महालक्ष्मी स्वर्ण मंदिर, जानिए इस मंदिर की क्या है विशेषता

Diwali 2024: दिवाली फेस्टिवल पर बनाएं ये खास 3 नमकीन, जरूर ट्राई करें रेसिपी

Diwali ki Katha: दिवाली की संपूर्ण पौराणिक कथा

क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति

આગળનો લેખ
Show comments