Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

कपालभाति प्राणायाम से नहीं होता है हार्ट में ब्लॉकेज, चमत्कारिक हैं इसके 10 लाभ

अनिरुद्ध जोशी
कपालभाति प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है। प्राणायामों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली रेचक प्रक्रिया है। मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है। 
 
 
चेतावनी : कपालभाति प्राणायाम को किसी योग शिक्षक से सीखकर ही करना चाहिए, क्योंकि यह प्राणायाम शरीर में रक्त संचार और गर्मी को तेजी से बढ़ा देता है। इसे करने से प्रारंभ में चक्कर आते हैं और आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। अपने मन से इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए। ​कपालभाति प्राणायम को डायरेक्ट नहीं करते हैं। पहले अनुलोम विलोम का अभ्यास होने के बाद ही इसे करते हैं।
 
1. इस प्राणायाम को उचित विधि से विशेष समयावधि तक करने से हार्ट में कभी हार्ट में ब्लॉकेज नहीं बनते हैं या कहें कि रक्त का थक्का नहीं जमता है। यदि किसी को ब्लॉकेज की समस्या है तो इसे किसी योग गुरु के सानिध्य में रहकर करेंगे तो हार्ट के ब्लॉकेजेस् खुलने लगेंगे। एक्सपर्ट मानते हैं कि इसे करने से 15 दिन में हार्ट के ब्लॉकेजेस् खुल जाते हैं। 
 
2. इस प्राणायाम को समय-समय पर करते रहने से हार्ट कभी भी अचानक काम करना बंद नहीं करता है। यह देखा गया है कि कई लोग अचानक हृदय के काम करना बंद कर देने से मर जाते हैं।
 
3. कपालभाति प्राणायाम करते रहने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे कम होने लगता है। मरीज को किसी भी प्रकार की दवाई नहीं खाना पड़ती है।
 
4. इस प्राणायाम से फेफड़े मजबूत बनते हैं और फोफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है। कोरोनाकाल में यह सबसे कारगर सिद्धि हुआ है।
 
5. यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियां और आंखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है।
6. इससे शरीर की चरबी कम होती है। मोटापा और वजन भी घटता है।
 
7. कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभदायक है। कपालभाति करने से पाचन शक्ति का विकास होता है। इससे छोटी आंत को मजबूती मिलती है।
 
8. दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।  
 
9. यह प्राणायाम करने से माइग्रेन की समस्या से भी निजात मिलती है।
 
10. इससे शारीरिक और मानसिक मजबूती मिलती है। आत्मविश्‍वास बढ़ता है और निराशा दूर होती है। शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्व और विचार मिट जाते हैं। तनाव मिट जाता है।
 
नोट : कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि इस प्राणायाम से थायरॉईड, खून में कम प्लेटलेट्स, बड़ा हुआ या कम युरिक एसिड, क्रिएटिनिन, अतिरिक्त हार्मोन्स रिसाव, कम हिमोग्लोबिन, त्वचा रोग में भी लाभ मिलता है।

विधि : सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है। ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास स्वत: ही अंदर चली जाती है।
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

Show comments