Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

निकोटिन वाली ई-सिगरेट के बारे में क्‍या कहती है ये रिसर्च, जानकर चौंक जाएंगे

निकोटिन वाली ई-सिगरेट के बारे में क्‍या कहती है ये रिसर्च, जानकर चौंक जाएंगे
, शनिवार, 11 सितम्बर 2021 (18:11 IST)
स्मोकिंग की लत छोड़ने के लिए लोग तरह तरह के जतन करते हैं, यहां तक कि कई लोग ई-सिगरेट पीने लगते हैं। उनका मानना है कि इससे हमारी स्मोकिंग की तलब मिट जाएगी, और सेहत को भी नुकसान नहीं होगा।

दरअसल, ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम  है। इसमें मौजूद निकोटिन लिक्विड जलता नहीं है, इसलिए धुंआ नहीं निकलता। इस घोल से वाष्प उत्सर्जित होती है, जिसे सांस के अंदर खींच कर लोगों को स्मोकिंग करने जैसी फील आती है। लेकिन एक रिसर्च कहती है कि ऐसा करने वाले लोग सावधान हो जाएं।

एक रिसर्च में बताया गया है कि इस तरह से लिया जाने वाला निकोटिन तुरंत ही रक्त का थक्का यानी ब्लड क्लॉट बनने की गति को तेज कर देता है। साथ ही इससे छोटी धमनियों के फैलने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे हार्ट की स्पीड और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। निकोटिन से शरीर में एड्रिनैलिन जैसे हार्मोन्स का लेवल भी बढ़ जाता है और यह भी ब्लड क्लॉटिंग बढ़ा देता है।

यह रिसर्च यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी (ERS) इंटरनेशनल कांग्रेस में प्रस्तुत की गई। स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने 18 से 45 साल वर्ग के 22 ऐसे पुरुषों और महिलाओं के ग्रुप का अध्ययन किया, जो कभी कभार स्मोकिंग करते थे, लेकिन स्वस्थ थे। लेकिन निकोटिन वाली ई-सिगरेट के यूज के बाद उनमें तत्काल ही शॉर्ट टर्म बदलाव पाए गए।

हेलसिंगबर्ग अस्पताल की डॉक्टर और करोलिंस्का इंस्टिट्यूट की शोधकर्ता गुस्ताफ लियटिनेन ने कहा कि हमारी स्टडी बताती है कि निकोटिन वाली ई-सिगरेट के इस्तेमाल का असर पारंपरिक सिगरेट पीने जैसा ही होता है।
लंबे समय तक इस प्रकार के प्रभाव से धमनियां सिकुड़ या बंद हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इसलिए बेहतर होगा ई-सिगरेट को अलविदा कह दें।

रिसर्च में क्‍या आए ई-सिगरेट के परिणाम
  • निकोटिन लेने के 15 मिनट बाद ही ब्लड क्लॉट 23 प्रतिशत बढ़ गया और 60 मिनट बाद स्थिति सामान्य हुई।
  • हार्ट की स्पीड औसतन 66 बीट्स प्रति मिनट (BPM) से बढ़कर 73 बीपीएम हो गई।
  • औसत ब्लड प्रेशर 108 MMHG से बढ़कर 117MMHG हो गया।
  • कुछ देर के धमनियां भी सिकुड़ गईं।
  • यह सभी परिणाम उन वॉलेंटियर्स में देखने को नहीं मिले, जिन्होंने बिना निकोटिन वाली ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कब तक महिलाओं की आबरू को सरेआम तार-तार किया जाएगा...?