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Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि में किस पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें भविष्यफल

वर्ष 2024 की चैत्र नवरात्रि के दिन से शुरू होता है हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा 2081

Chaitra navratri 2024

WD Feature Desk

, मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 (11:04 IST)
Chaitra navratri 2024 Date time: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस वर्ष 2024 में नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ होगर 17 अप्रैल तक रहेगी। यानी कुल 9 दिनों तक रहेगी नवरात्र‍ि। इस बार माता दुर्गा की सवारी कौनसी रहेगी क्या होगा इससे देश दुनिया पर असर? 

  • 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि
  • मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएगी
  • राजनीतिज्ञों के कारण देश दुनिया में अस्थिरता रहेगी
     
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 08 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 09 अप्रैल 2024 को रात्रि 08:30 को।
उदयातिथि के अनुसार 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी।
 
नवरात्रि प्रारंभ दिनांक : 09 अप्रैल 2024 मंगल से।
नवरात्रि समाप्त दिनांक : 17 अप्रैल 2024 बुधवार को।
नवरात्रि कुल 9 दिनों तक की ही रहेगी।
 
शुभ योग : इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग का संयोग बन रहा है। रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे। शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा।
 
माता का वाहन : इस बार माता रानी का वाहन घोड़ा रहेगा। यानी मां घोड़े पर सवार होकर आएगी। घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है।
 
भविष्यफल : माता के घोड़े पर सवार होकर आने का मतलब यह कि देश-विदेश में युद्ध, सत्ता परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ सकती है। राजनीतिक उथल पुथल बढ़ जाएगी। कुछ राजनीतिज्ञों के आंदोलन, धरना प्रदर्शन और अपराधियों की गतिविधियों के कारण देशभर में तनाव का माहौल रहेगा। इससे शासन प्रशासन की चुनौती बढ़ जाएगी।
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Chaitra Navratri 2024
चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष का भविष्यफल : हिंदू नववर्ष का राजा मंगल और मंत्री शनि है। नव संवत्सर का नाम पिंगला है। मंगल के राजा और शनि के मंत्री होने से यह वर्ष बहुत ही उथल पुथल वाला रहेगा। शासन में कड़ा अनुशासन देखने को मिलेगा।
 
नवरात्रि पूजा घट स्थापना के शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:31 से प्रात: 05:17 तक।
अभिजित मुहूर्त : सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:30 से दोपहर 03:21 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:42 से शाम 07:05 तक।
अमृत काल : रात्रि 10:38 से रात्रि 12:04 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:00 से 12:45 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।
अमृत सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।

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