हैदराबाद। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने स्पष्ट किया कि तीन तलाक एक धार्मिक मुद्दा नहीं है क्योंकि शरियत में भी इसको मंजूरी नहीं दी गई है। नायडू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जोर देकर कहा कि तीन तलाक का मुद्दा मुस्लिम महिलाओं की गरिमा के साथ जीने और समानता का अधिकार है। इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से नकारात्मक राजनीति को खत्म करने और रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति का सहारा लेने के लिए संकल्प लेने की अपील की ताकि देश और लोगों की ऊर्जा का बेहतर उपयोग हो सके।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि लोकसभा के लिए कोई मध्यावधि चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने और कड़ी मेहनत करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें पांच वर्षों के लिए जनादेश मिला है जिसे हम पूरा करेंगें और चुनाव 2019 में ही होगा।
उन्होंने विपक्षी दलों से देश के विकास में शामिल होने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा में काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी पार्टियां वैकल्पिक एजेंडे के साथ आती हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है लेकिन विपक्ष हाल के चुनावों में और दिल्ली एमसीडी चुनाव में मोदी को दिए गए जनादेश को पचा नहीं पा रहा है और नकारात्मक एजेंडे के साथ सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों और राजनीतिक वर्ग के सामने एक नए भारत बनाने की चुनौती है जिसके जरिए सभी वर्गों और विशेषकर गरीबों और युवाओं की आकांक्षाएं पूरी की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि देश में नकारात्मक राजनीति नहीं चल सकती है और हाल के चुनाव परिणामों में भी इस संदेश को स्पष्ट कर दिया है। (वार्ता)