Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

संसद में आज फिर ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा, जानिए तीन तलाक बिल से जुड़ींं 10 खास बातें...

संसद में आज फिर ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा, जानिए तीन तलाक बिल से जुड़ींं 10 खास बातें...
, गुरुवार, 25 जुलाई 2019 (10:28 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया। बिल पर चर्चा के बाद आज ही सदन में इसके पारित होने की संभावना हैं। हालांकि बिल के वर्तमान स्वरूप से कांग्रेस को आपत्ति है और पार्टी ने संसद में बिल का विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी का दावा है कि ट्रंप मामले से ध्यान भटकाने के लिए आज यह बिल लोकसभा में पेश किया गया है।  जानिए इस बिल से जुड़ी 10 खास बातें... 
 
- बिल में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है। इस बिल में दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
- तीन तलाक को अगर मंजूरी मिल जाती है तो कानून 'गैरजमानती' बना रहेगा। हालांकि आरोपी सुनवाई से पहले भी मजिस्ट्रेट से जमानत मांगने के लिए गुहार लगा सकता है।
- तीन तलाक बिल में अपराधी को सजा विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। इसी के चलते यह बिल पिछली बार राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था।
- संसद के पिछले सत्र में तीन तलाक बिल के राज्यसभा में फंसने के बाद सरकार ने इसको लेकर एक अध्यादेश जारी किया था।
- यह बिल महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए है। कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है। हालांकि यह समझौता पत्नी की पहल पर ही हो सकता है।
- तीन तलाक पर कानून में छोटे बच्चों की कस्टडी मां को दिए जाने का प्रावधान है। पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण का अधिकार मैजिस्ट्रेट तय करेंगे, जिसे पति को देना होगा। 
- पुलिस इस मामले में पीड़ित पत्नी, उसके किसी करीबी संबंधी या शादी के बाद उसके रिश्तेदार बने किसी व्यक्ति की ओर से शिकायत करने पर ही मामला दर्ज करेगी।
- विधेयक के अनुसार, मुआवजे की राशि मजिस्ट्रेट द्वारा तय की जाएगी।
- यह बिल लोकसभा में पहले भी पास हो चुका है पर मामला राज्यसभा में अटक गया था। 
- भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को संसद में पेश होने का निर्देश जारी किया है। तो कांग्रेस ने भी व्हिप जारी कर सांसदों को अगले 2 दिन संसद में  उपस्थित रहने के लिए कहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मध्यप्रदेश से रूठा मानसून, अब तक सावन भी सूखा-सूखा, संकट में अन्नदाता